जय-जय प्यारा, जग से न्यारा
शोभित सारा, देश हमारा,
जगत-मुकुट, जगदीश दुलारा-
जग सौभाग्य सुदेश! जय-जय प्यारा भारत देश!
स्वर्गिक शीश-फूल पृथ्वी का, ।
प्रेम-मूल, प्रिय सकल विश्व का,
सुललित प्रकृति नटी का टीका-
ज्यों निशि का राकेश! जय-जय प्यारा भारत देश!
कलरव-निरत कलोलिनि गंगा,
विविध वेश, भाषा है संगा,
इंद्रधनुष-सा रंग-बिरंगा-
तेज-पुंज तपवेश! जय-जय प्यारा भारत देश!
जागृत कोटि-कोटि जुग जीवे,
जीवन सुलभ अमी रस पीवे,
सुखद वितान सुकृत की सीवे-
रहे स्वतंत्र हमेश! जय-जय प्यारा भारत देश!
(1) काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या है?
(2) 'जय-जय प्यारा, जग से न्यारा' किसके लिए कहा गया है?
(3) भारत को इंद्र-सा रंग-बिरंगा क्यों कहा गया है?
Answers
3. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर उस पर पूछे गए प्रश्नों से सही उत्तरों वाले विकल्प चुनकर लिखिए : 1×5=5
जय-जय प्यारा, जग से न्यारा
शोभित सारा, देश हमारा,
जगत-मुकुट, जगदीश दुलारा –
जग सौभाग्य सुदेश! जय-जय प्यारा भारत देश!
स्वर्गिक शीश-फूल पृथ्वी का,
प्रेम-मूल, प्रिय सकल विश्व का,
सुललित प्रकृति नटी का टीका –
ज्यों निशि का राकेश! जय-जय प्यारा भारत देश!
कलरव-निरत कलोलिनि गंगा,
विविध वेश, भाषा हैं संगा,
इंद्रधनुष-सा रंग-बिरंगा –
तेज-पुंज तपवेश! जय-जय प्यारा भारत देश!
जागृत कोटि-कोटि जुग जीवे,
जीवन सुलभ अमी रस पीवे,
सुखद वितान सुकृत का सीवे-
रहे स्वतंत्र हमेश! जय-जय प्यारा भारत देश!
(क) काव्यांश में ‘जगदीश दुलारा’ का क्या भाव है?
(i) ईश्वर की रचना
(ii) ईश्वर के रहने का स्थान
(iii) ईश्वर का बेटा
(iv) ईश्वर को प्रिय
(ख) भारत को इंद्र धनुष-सा रंग-बिरंगा कहा है, क्योंकि :
(i) यहाँ की धरती हरी-भरी रहती है
(ii) यहाँ इंद्र धनुष दिखाई पड़ते हैं
(iii) यहाँ अनेक रंगों के रत्न और खनिज मिलते हैं
(iv) यहाँ अनेक प्रकार की वेश-भूषाएँ और भाषाएँ हैं
(ग) किस पंक्ति में भारत को पृथ्वी का चंद्रमा कहा गया है?
(i) स्वर्गिक शीश फूल पृथ्वी का
(ii) सुललित प्रकृति-नटी का टीका
(iii) ज्यों निशि का राकेश
(iv) प्रेम-मूल प्रिय लोकत्रयी का
(घ) कवि ने ‘कलरव निरत’ विशेषण का प्रयोग किसके लिए किया है?
(i) गंगा के लिए
(ii) पक्षियों के लिए
(iii) नदियों के लिए
(iv) हिमालय की चोटियों के लिए
(ङ) कवि ने भारत के लिए कामना की है कि वह सदा-
(i) सुखी रहे
(ii) स्वतंत्र रहे
(iii) धनी रहे
(iv) बना रहे
कविता का नाम देश-गीत है | यह कविता श्रीधर पाठक द्वारा लिखी गई है|
(1) काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या है?
दुःख की कामना
प्यार की कामना
संकट की कामना
हमारी कामना
(2 ) भारत को इंद्र-सा रंग-बिरंगा क्यों कहा गया है?
यहाँ की धरती हरी-भरी रहती है , यहाँ इंद्र धनुष दिखाई पड़ते है | यहाँ अनेक रंगों के रत्न और खनिज मिलते है| यहाँ अनेक प्रकार की वेश-भूषाए है| सब बातों के लिए कहा गया है
(3 ) 'जय-जय प्यारा, जग से न्यारा' किसके लिए कहा गया है?
'जय-जय प्यारा, जग से न्यारा' यह नारा प्यारे भारत देश के लिए गया है| भारत देश में भारत देश में सुख स्वर्ग के सामान है| हिमालय भारत देश का मुकुट है| भारत देश की नदिया अमृत की धारा बहा रही है| भारत देश की धरती अनंत स\धन से लदी-भरी पड़ी है | भारत ने ही संसार के लोगों को सब से पहले ज्ञान दिया है|