jayadratha vadh hindi summary
Answers
Explanation:
.1. Friction causes wear and tear of machine parts that rub against each other continuously, leading to costly maintenance.
2. Additional energy is consumed to overcome friction, in addition to the physical work required for actual work.
Explanation:
जयद्रथ-वध मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित प्रसिद्ध खण्डकाव्य है। इसका प्रकाशन 1910 में हुआ था। यह हरिगीतिका छंद में रचित है। गुप्त जी की प्रारम्भिक रचनाओं में 'भारत भारती' को छोड़कर 'जयद्रथ वध' की प्रसिद्धि सर्वाधिक रही।
जयद्रथ और अर्जुन के बीच लड़ाई
यह खण्डकाव्य सात सर्गों में विभक्त है। इसमें महाभारत का वह प्रसंग वर्णित है, जिसके अन्तर्गत द्रोणाचार्य द्वारा चक्रव्यूह की रचना किये जाने से लेकर अर्जुन द्वारा जयद्रथ के वध तक की कथा आ जाती है। महाभारत के युद्ध के समय द्रोणाचार्य के द्वारा बनाये गये चक्रव्यूह में, अर्जुन की अनुपस्थिति में युद्ध के लिए गये हुए अभिमन्यु को फंसाकर जब जयद्रथ द्वारा उसका वध का दिया जाता है तो युद्ध से लौटे हुए अर्जुन के लिए यह मृत्यु असहनीय हो उठती है और वे जयद्रथ-वध की प्रतिज्ञा कर बैठते हैं तथा उस लक्ष्य की पूर्ति भी कर देते हैं। गुप्त जी ने महाभारत की कथा के इसी अंश को इस खण्ड-काव्य का वर्ण्य-विषय बनाया है। कवि ने ग्रन्थ के प्रारम्भ में मंगलाचरण के रूप में भगवान राम की स्तुति की है और इसके बाद इस कृति के उद्देश्य, महाभारत-युद्ध के कारण, उसके उत्तरदायी व्यक्ति और परिणामों का संकेत किया है।
महाभारत का युद्ध होने के मूल कारण पर विचार करते हुए कवि का मत है कि संसार का सबसे बुरा कर्म अपने अधिकार का उपयोग न करना है। अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए यदि कभी अपने बन्धुओं को दण्ड देना पड़े तो यह कर्म अधर्म न माना जाकर धर्म ही माना जायेगा। कवि ने देशवासियों को यह संदेश दिया है कि पारस्परिक र्इर्ष्या-द्वेष का भाव छोड़कर हिल-मिल कर रहना चाहिए। आपस की फूट विनाशकारी होती है।
इस काव्य की भाषा तत्समनिष्ठ खड़ी बोली है। हरिगीतिका छन्द का प्रयोग किया गया है। आलंकारिक भाषा की छटा दर्शनीय है।