Hindi, asked by arundada3035, 4 months ago

जयशंकर प्रसाद छायावाद के सर्वश्रेष्ठ कवि हैं सिद्ध कीजिए

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Answered by manojchauhanma2
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Answer:

जयशंकर प्रसाद ने हिंदी काव्य में छायावाद की स्थापना की जिसके द्वारा खड़ी बोली के काव्य में कमनीय माधुर्य की रससिद्ध धारा प्रवाहित हुई और वह काव्य की सिद्ध भाषा बन गई। वे छायावाद के प्रतिष्ठापक ही नहीं अपितु छायावादी पद्धति पर सरस संगीतमय गीतों के लिखनेवाले श्रेष्ठ कवि भी बने।

Answered by Jasleen0599
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जयशंकर प्रसाद (30 जनवरी 1889 - 15 नवंबर 1937) वर्तमान समय के हिंदी लेखन के साथ-साथ हिंदी रंगमंच में एक उल्लेखनीय व्यक्ति थे। प्रसाद उनका नॉमिनी डी प्लम था।

  • प्रसाद ने 'कालाधर' के नाम से पद्य की रचना शुरू की।
  • जय शंकर प्रसाद द्वारा लिखी गई कविताओं का प्रमुख वर्गीकरण, चित्रधर नाम, हिंदी के ब्रज लिंगो में लिखा गया था, हालांकि उनके बाद के कार्यों को खादी भाषा या संस्कृतकृत हिंदी में लिखा गया था।
  • बाद में, प्रसाद ने हिंदी लेखन में एक विद्वतापूर्ण पैटर्न 'छायवाद' घोषित किया।
  • हिंदी छायावाद काल के प्रवर्तक जयशंकर प्रसाद की कविताओं और नाटकों की बहुत जांच की गई है, फिर भी दिलचस्प रूप से हिंदी में वर्तमान लेखन उनके खातों में शुरू हुआ था।
  • गांव, घीसू, अंजनेया, आकाशदीप, आंधी, इंद्रजाल, उर्वशी, गुंडा, प्रलय अंतिम कहानी साल्वती वास्तव में पूरी तरह से समकालीन और आकर्षक लगती है।
  • इसके पीछे प्रेरणा उनका अपना निराशाजनक जीवन और बनारसी जीवन शैली थी।
  • प्रसाद ने अपने जीवन में जो भी चरित्र निभाया, उसे उन्होंने लेखन के प्रकार प्रदान किया।
  • उन्होंने बनारस के रहन-सहन और रहन-सहन का बेहतरीन चित्रण किया है।
  • उनके मानदंड शैव धर्म से जुड़े हुए थे, जिसके आधार पर उन्होंने कामायनी की रचना की।
  • उनके नाटकों में राष्ट्रवाद और राजनीतिक दृष्टिकोण मिलते हैं। उन्होंने अपने अंतिम दिनों में फिल्म निर्माण में भी रुचि दिखाई, लेकिन यह नहीं हो सका।
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