Hindi, asked by kamalprasadchuohan, 6 months ago

जयशंकर प्रसाद के काव्य की तीन विशेषताएँ लिखिए।​

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Answered by Anupamkumar4553
67

Answer:

जयशंकर प्रसाद की काव्यगत विशेषताएँ

प्रसाद को मुलता सौंदर्य एवं प्रेम का कवि माना जाता था। अपने साहित्य के उन्होंने प्रेम का कवि माना जाने लगा। अपने साहित्य में उन्होंने प्रचीन के प्रति निष्ठा और प्रेम की अभिवयक्ति की है। वह शिव के उपासक थे।

Explanation:

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Answered by bhatiamona
27

जयशंकर प्रसाद के काव्य की तीन विशेषताएं इस प्रकार है...

नारी सौंदर्य — जयशंकर प्रसाद ने अपनी छायावादी कविताओं छायावादी युग की कविताओं में नारी सौंदर्य का शालीनता से चित्रण किया है। जैसे...

नारी तुम केवल श्रद्धा हो,

विश्वास रजत नग पग तल में,

पीयूष स्रोत सी बहा करो,

जीवन के सुंदर समतल में।

प्रकृति का चित्रण — जयशंकर प्रसाद ने अपनी कविताओं में प्रकृति को भी पर्याप्त महत्व दिया है, उन्होंने अपनी ‘बीती विभावरी जाग री’ कविता में प्रातः कालीन सौंदर्य का चित्र मानवीकरण अलंकार का उपयोग कर बड़े उत्तम तरह से किया है।

जैसे...

बीती विभावरी जाग री

अंबर पनघट में डुबो रही

तारा घट उषा नागरी

रहस्यवाद — जयशंकर प्रसाद ने अपनी कविताओं में रहस्यवाद को महत्वता दी है। और परम सत्ता को संसार में अपने कवित्व दृष्टि से खोजने की कोशिश की है।

मधुराका मुस्काती सी पहले देखा जब तुमको

परिचित से जाने कब के तुम लगे उसे उसी क्षण

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