जयशंकर प्रसाद की रचनाएं भाव पक्ष और कला पक्ष की दृष्टि से समझाइए
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भाव पक्ष एवं कला पक्ष की दृष्टि से प्रसादजी का काव्य उच्चकोटि का है । आपके काव्य में इतिहास , दर्शन एवं कला का मणिकांचन संयोग देखा जा सकता है । छायावाद के जनक जयशंकर प्रसादजी का हिंदी साहित्य के आधुनिक रचनाकारों में विशिष्ट स्थान है ।
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