jeevan ek sangharsh par sanchipt tippani likhiye
mrudula16:
karan6272 thank u very much for answering my question but unfortunately it was deleted please can u resend it to me plz plz
Answers
Answered by
13
◆ ◆
जीवन सुख-दुःख का चक्र है। यही जीवन का सत्य है। अनुकूल समय में हमें इस पर विचार करने की एक ऐसी भावना है जिसमें लोग बहुत तीव्रता से खालीपन और एकान्त का अनुभव करते हैं।
कहा जाता है कि एक शिक्षक हमारी शख्सियत को तराशने में जो भूमिका निभाते हैं उसकी बराबरी कोई नहीं सकता है। शिक्षक दिवस के मौके पर हम इसी नेक कार्य के लिए अपने गुरुओं के प्रति आभार प्रकट करते हैं और उनके प्रति सम्मान जताते हैं। इस मौके पर बच्चे अपने टीचर्स को गिफ्ट भी देते हैं और गुरु के चरणों में सिर नवाते हैं। कई संस्थाओं, स्कूल में सांस्कृति कार्यक्रम होता है और शिक्षक की महिमा को याद किया जाता है। दरअसल यह दिन गुरु और शिष्य के बीच बने संबंध को जीने का और गुरु के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का त्यौहार है। इस दिन गुरू और शिष्य अपने भावुक रिश्ते को जीते हैं। अपने जीवनकाल में छात्र रह चुका प्रत्येक इंसान इस दिन अपने गुरू को याद करता है।
अकेलेपन की तुलना अक्सर खाली, अवांछित और महत्वहीन महसूस करने से की जाती है। अकेले व्यक्ति को मजबूत पारस्परिक संबंध बनाने में कठिनाई होती है।तब संसार के सामने ही नहीं, लय के एकांत कोने में भी यह नहीं स्वीकार ... देती हैं पर हमने बाहा- जीवन में डला उसका रूप किसी प्रकार भी अशरीरी होती है । ◆ ◆
जीवन सुख-दुःख का चक्र है। यही जीवन का सत्य है। अनुकूल समय में हमें इस पर विचार करने की एक ऐसी भावना है जिसमें लोग बहुत तीव्रता से खालीपन और एकान्त का अनुभव करते हैं।
कहा जाता है कि एक शिक्षक हमारी शख्सियत को तराशने में जो भूमिका निभाते हैं उसकी बराबरी कोई नहीं सकता है। शिक्षक दिवस के मौके पर हम इसी नेक कार्य के लिए अपने गुरुओं के प्रति आभार प्रकट करते हैं और उनके प्रति सम्मान जताते हैं। इस मौके पर बच्चे अपने टीचर्स को गिफ्ट भी देते हैं और गुरु के चरणों में सिर नवाते हैं। कई संस्थाओं, स्कूल में सांस्कृति कार्यक्रम होता है और शिक्षक की महिमा को याद किया जाता है। दरअसल यह दिन गुरु और शिष्य के बीच बने संबंध को जीने का और गुरु के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का त्यौहार है। इस दिन गुरू और शिष्य अपने भावुक रिश्ते को जीते हैं। अपने जीवनकाल में छात्र रह चुका प्रत्येक इंसान इस दिन अपने गुरू को याद करता है।
अकेलेपन की तुलना अक्सर खाली, अवांछित और महत्वहीन महसूस करने से की जाती है। अकेले व्यक्ति को मजबूत पारस्परिक संबंध बनाने में कठिनाई होती है।तब संसार के सामने ही नहीं, लय के एकांत कोने में भी यह नहीं स्वीकार ... देती हैं पर हमने बाहा- जीवन में डला उसका रूप किसी प्रकार भी अशरीरी होती है । ◆ ◆
Similar questions