Hindi, asked by Urvichauhan9689, 1 year ago

Jeevan hai topic lines Jal hi jeevan hai topic lines

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Answered by ishasaini2017
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जल मानव जीवन के लिए ही नहीं महत्वपूर्ण है यह मानव के शरीर का भी अभिन्न अंग है क्योंकि मानव का 70% से अधिक शरीर पानी ही होता है. और पृथ्वी पर रहने वाले अन्य सजीव प्राणियों के लिए भी जल का होना अति आवश्यक है.

हमारे पृथ्वी को हरा भरा रखने और पृथ्वी का तापमान नियंत्रित इस जल के कारण ही हो पाता है अगर पृथ्वी पर जल नहीं होगा तो यह है मंगल ग्रह की तरह सिर्फ सूखा ही होगा जहां पर जीवन का कोई नामोनिशान नहीं होगा.

हमें Jal का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि अगर हम ऐसा करते हैं तो हम हमारे जीवन के साथ ही खिलवाड़ कर रहे है. ऐसा प्रतीत होता है कि हम अपने पैर पर खुद ही कुल्हाड़ी मार रहे है. जल हमारी पृथ्वी पर कई रूपों में विद्यमान है जैसे कि पहाड़ों पर बर्फ के रूप में, नदियों, जलाशयों और भूमिगत जल के रूप में, वाष्प के रूप में.

जल के इतने रूप होने के कारण हमारी पूरी पृथ्वी पर जल उपलब्ध हो पाता है क्योंकि अगर चल अगर ठोस अवस्था में ही होता कि यह सिर्फ पहाड़ों पर ही होता है जिसके कारण पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं हो पाता. जल के वाष्प रूप के कारण बड़े महासागरों और समुद्रों से जल वाष्प के रूप में उड़कर बादल बनता है

और पूरी पृथ्वी पर जाकर वर्षा करता है जिससे सभी स्थानों पर जल की पूर्ति हो पाती है वर्षा के जल के कारण ही तालाब, बांध और भूमिगत जल में वृद्धि होती है.

अगर पृथ्वी पर बरसात ही नहीं होगी तो पानी की कमी हो जाएगी सभी तालाब बांध और भूमिगत जल सूख जाएंगे. वर्तमान में भी यही स्थिति उत्पन्न हो रही है क्योंकि हमारे देश में साल-दर-साल वर्षा कम होती जा रही है. इसका मुख्य कारण पेड़ों की कटाई है क्योंकि पेड़ों और वनों के कारण ही वर्षा होती है.

और हमारे देश में तो पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है जिसके कारण हर साल किसी ना किसी राज्य में सूखा पड़ता है. और साथ ही हमारे देश में जनसंख्या वृद्धि बहुत ही अधिक तेजी से हो रही है क्या के मामले में हमारा देश दूसरे नंबर पर आता है लेकिन 2022 तक हमारा देश जनसंख्या के मामले में प्रथम होगा.

जैसा कि हम सब जानते है कि जनसंख्या बढ़ेगी तो जल की भी उतनी ही आवश्यकता होगी लेकिन जल तो दिनों दिन कम होता जा रहा है तो इसकी पूर्ति कैसे होगी ?

भूमिगत जल तो पहले से ही कम हो चुका है हमारे देश के ज्यादातर राज्यों को डार्क जोन घोषित कर दिया गया है इसका मतलब है कि इन राज्यों में पानी की बहुत ज्यादा किल्लत है और अगर आने वाले कुछ सालों में इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो यहां पर भूमिगत जल का स्रोत विलुप्त हो जाएगा.

और जल के अन्य स्त्रोतों की बात करें तो नदियों और तालाबों में जल तो उपलब्ध है लेकिन वह भी दिन-प्रतिदिन कम हो रहा है साथ ही हम नदियों तालाबों के जल को प्रदूषित भी कर रहे हैं जिसके कारण नदियों का जल पीने लायक नहीं है.

नदियों में जल प्रदूषण की बात करें तो हम यमुना नदी का उदाहरण ले सकते हैं क्योंकि जब यमुना नदी उत्तरकाशी से निकलती है तब इसका जल बहुत ही स्वच्छ होता है लेकिन जैसे-जैसे यह शहरों से निकलती है दिल्ली में शहर में इस नदी में इतना दूषित पानी छोड़ा जाता है.

जिसके कारण यह है जब तक आगरा पहुंचती है तब तक इसका रूप काला हो चुका होता है इसका मतलब आप समझ सकते हैं कि नदियों को हम कितना प्रदूषित कर रहे है

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