Hindi, asked by mdmanjur, 1 year ago

jeevan ka jharna ka sarans likhe

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Answered by cutejuhi175
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जीवन गतिशील है नदियों की धारा की तरह जो कभी थमता नहीं है। बस बहता रहता है।

सुख और दुःख आते और जाते रहते हैं। इसलिए कवि ने जीवन को निर्झर कहा है।

सुख और दुःख के तीर को झेलते हुए हर मनुष्य जीवन में आगे बढ़ता है।

सुख कभी टिकता नहीं और दुख कभी भी रूकता नहीं।

इन दोनों का आना और जाना लगा ही रहता है।

निर्झर को अनेक बाधाओं का मार्ग में सामना करना पड़ता है।
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