Jeevan Mai safalta paane ke liye Rahim ke dohe atyant upyogi hai . Ek udharan dekar spasht kare
Answers
Answered by
25
नमस्ते..!!!
रहीम के दोहा छंद ऐसा है जिसमे अक्षर थोरे होते है किंतु उसमें बहुत गहरी और दीर्घ कर्थ छिपा होता है।
जैसे :- रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।
सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाटि न लैहैं कोय।।
आशय :- रहीम लोगो को उपदेश देते हुए कहते हैं – लोगों! तुम अपने मन की वेदना को अपने मन में ही छिपाकर रखो। उसे किसी के सामने प्रकट मत करो। यह संसार बहुत निर्दय है। लोग तुम्हारे कष्ट को सुनकर प्रसन्न ही होंगे। कोई भी मनुष्य तूम्हारे दुख को कम करने के लिए प्रयत्न नहीं करेगा।
आशा है कि यह आपकी मदद करेगा।
Similar questions