Hindi, asked by harshrajsingh567, 7 months ago

jeevan mara nahi karte full poem explanation ..... please fast class 7 Maharashtra board​

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Answered by ramanjotkour1234
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bhatiamona

BhatiamonaHindi Dinkar

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छिप-छिप अश्रु बहाने वालों / यह कविता गोपालदास "नीरज" द्वारा लिखी गई है |

इस कविता में कवि ने मनुष्य को आगे बढ़ने के बारे में बताया है यदि जीवन में कुछ मुश्किलें आ जाए तो जीवन नहीं मर करता |

छीप-छीप कर आँसू बहाने वालों, बिना मतलब के रोने से, और कुछ सपनों के टूट जाने से जीवन नहीं मर करता |

सपना तो बंद आंखों और खुली आँखों द्वारा देखा जाता है, उसका टूटना तो कच्ची नींद की तरह है | कुछ मुसीबतें आ जाने से , जीवन नहीं मर करता | माला के टूट जाने से कुछ नहीं होता समय के साथ समस्या खुद ही हल हो जाती है|

रो-रो कर जीवन व्यतीत करने वालों , दुःख के साथ जीने वालों , छोटी-छोटी लड़ाई होने जाने से घर नहीं टुटा करता | हम अपने जीवन में कुछ खोते नहीं है बस समय के साथ बदल जाते है | जैसे रात के बाद सुबह आती है | सुबह धूप लेकर आती है |

वस्त्र बदलकर आए वालों , चल बदल कर चले जाने वालों | कुछ सपने टूट जाने , खिलौनों के खोने से, बचपन नहीं मरा करता है ।

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