Jeevan me deekhavapan ki mansikta ka koi ek example lekhiye
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जीवन में दिखावापन की मानसिकता का कोई एक उदाहरण
आज के समय में दिखावापन की मानसिकता के बहुत सारे उदाहरण है:
जैसे की हम बात करे तो आज कल लोग अपनी हिन्दी भाषा को बोलने के लिए दिखावा करते है| उन्हें हिन्दी भाषा आती हा लेकिन वह लोगों के सामने नहीं बोलना चाहते| वह सब के सामने दिखावा करने के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करते है|
रक समय की बात जब मैं व्यक्ति एक दुकान में सामान लेने जाता है | दुकान में सभी हिन्दी भाषा में बात कर रहे थे लेकिन जैसे मैं अंदर गया तब वह मुझ से अंग्रेजी भाषा में बात करने लगे | मुझे बड़ी हैरानी हुई , लेकिन मैं हिन्दी भाषा में बात कर रहा था | सब मेरा मज़ाक बनाने लगे | यह व्यक्ति हिन्दी भाषा में बात कर रहा है इसे अंग्रेजी भाषा नहीं आती|
लखनवी अंदाज़ पाठ में दिखावापन की मानसिकता दिखाई हुई है|
पाठ में नवाब साहब का शोक के लिए खीरा खरीदते है और फिर लेखक के मना करने पर खीरे को खिड़की से बाहर फेंकने को हम दिखावे की प्रवर्ती कहेंगे| नबाब साहब और उनके द्वारा खीरे काट कर खिड़की से फेंकने को आधार बनाकर अपने विचार व्यक्त किया है| नबाब साहब खीरे को सूंघ कर संतुष्ट होने का दिखावा करते है |