Hindi, asked by vijaykumarrupani, 7 days ago

Jeevan me karm ka mahatv 10 sentences

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Answered by btsarmy0327
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Answer:

मनुष्य कार्य के बिना शरीर का निर्वाह नहीं कर सकता हैं. जो इन्सान संसार से बंधन से मुक्त हो चूका है उसे भी निरंतर कार्य करके कर्मयोगी बनना चाहिए. निरंतर कार्य में लगा रहना ही सच्ची सफलता का सूत्र हैं. कार्य रुपी वृक्ष पर सही समय पर कामयाबी के पुष्प पल्लवित होते हैं, जीवन में कार्य ही सच्ची पूजा एवं साधना हैं.

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