Jeevan Mein swachandata kaise hanikarak ho sakti hai par nibandh in Hindi
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नूपुर दीक्षि त
पीईटी और पीएमटी और ऐसी ही अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने का सपना कई युवा देखते हैं। उनमें से कुछ के सपने साकार भी हो जाते हैं। फिर अपने मनपसंद विषय में आगे की पढ़ाई करने के लिए उन्हें अपना घर, अपने लोग, अपनी जड़ें छोड़कर किसी अनजान शहर में पढ़ने जाना पड़ता है। यहाँ से शुरूआत होती है, एक नए संघर्ष की।
बारहवीं पास करने के बाद वैसे भी युवामन में कॉलेज लाइफ को लेकर बहुत सारे सपने होते हैं। उस पर प्रतियोगी परीक्षा में सफल होने की खुशी। इस खुशी के साथ मिल जाती है, अकेले रहने और अपनी मर्जी से जीवन जीने की आजादी।
यहाँ जरूरी होता है कि स्वतंत्रता और स्वछंदता के मध्य अंतर को पहचाना जाए। स्वतंत्रता का भरपूर आनंद लें पर स्वयं को स्वछंद न होने दें।
माधवी ने बहुत मेहनत करके इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल की। उसका दाखिला एक बड़े शहर के इंजीनियरिंग कॉलेज में हो गया और वो आँखों में ढेर सारे ख्वाब लिए शहर के हॉस्टल में पढ़ने आई।
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