Jeevan nievah krisi kin chetro mein ki hati hain
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निर्वहन कृषि का संक्षिप्त वर्णन कीजिए
जीवन निर्वाह के लिए की जाने वाली कृषि निर्वहन कृषि कहलाती है निर्वहन कृषि दो प्रकार की होती है आदिम निर्वाहन कृषि व गहन निर्वाहन कृषि
1.आदिम निर्वाहन कृषि- यह कृषि दो प्रकार की होती है
(i)स्थानांतरित कृषि- इस प्रकार की कृषि में वनों को काटकर जलाने के पश्चात उस भूमि पर कृषि की जाती है
(ii)स्थायी कृषि- स्थाई कृषि स्थानांतरित कृषि का विकसित रूप है यह कृषि पहाड़ी ढाल तथा घाटियों में की जाती है
2.गहन निर्वाहन कृषि- यह कृषि विशाल मैदान तथा तटीय मैदानों में की जाती है यह कृषि दो प्रकार की होती है
(i) चावल प्रधान गहन निर्वाहन कृषि- 100 सेमी से अधिक औसत वर्षा वाले क्षेत्रों में चावल प्रधान गहन कृषि की जाती है जिसमें चावल को मुख्य फसल के रूप में बोया जाता है
(ii)गैंहू गहन निर्वाहन कृषि- 100 सेमी से कम औसत वर्षा वाले क्षेत्रों में गैैंहू प्रधान गहन कृषि की जाती है जिसमें गेंहू को मुख्य फसल के रूप में बोया जाता है