jeevan yudh hai aaram nahi..minimum 400 words..please help..
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जीवन सुख-दुखों के ताने-बाने से बनता है। जीवन में सुख-दुख धूप-छांव की तरह आते जाते हैं। ये सुख-दुख मनुष्य को संघर्षों से लड़ने की प्रेरणा देते हैं। मनुषय के जीवन में संघर्ष परम आवश्यक है। एक मनुष्य तभी मनुष्य कहलाता है, जब वह संघर्षों से विजय पा लेता है। इस संसार में ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं है जिसने संघर्ष नहीं किया हो। यह अवश्य है किसी के जीवन में कम और किसी के ज्यादा जीवन में संघर्ष ज्यादा होते हैं परन्तु होते अवश्य है। संघर्षों भी जीवन में विभिन्न तरह के होते हैं परन्तु होते अवश्य हैं।
एक मनुष्य संघर्षों से लड़कर ही सोने के समान चमक उठता है। उसका व्यक्तित्व भी संघर्षों के कारण ही निखरता है। जिसे जीवन सब कुछ बिना परिश्रम किए मिल जाए, उसे जीवन का सच्चा अर्थ ज्ञात नहीं हो पाता। हरिवंशराय बच्चन ने इसी संघर्ष पर चलने के लिए प्रेरित करते हुए एक कविता लिखी थी-
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने, हों बड़े,
एक पत्र-छाँह भी माँग मत, माँग, मत, माँग मत!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
तू न थकेगा कभी!
तू न थमेगा कभी!
तू न मुड़ेगा कभी! - कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
हरिवंशराय मनुष्य को अग्नि के समान जीवन में संघर्षों से लड़ने की प्रेरणा देते हैं। यह संघर्ष ही हमें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। यदि मनुष्य इन संघर्षों से हार जाए, तो कभी उभर नहीं सकेगा और स्वयं को खड़ा करने के लिए उसे इनसे पार पाना होगा। यदि गांधी जी हार जाते तो पूरा देश हार जाता पूरा देश हार जाता तो हम कभी स्वतंत्रता कभी प्राप्त नहीं कर सकते थे।
संघर्षों का सबसे बड़ा उदाहरण भारत हैं उसने वर्षों गुलामी की परन्तु जब उन्होंने एक जुट होकर अंग्रेज़ी सरकार के विरूद्ध संघर्ष किया तभी उन्हें स्वतंत्रता प्राप्त हुई। इसलिए सही कहा गया है कि जीवन का नाम संघर्ष है।
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जीवन युद्ध है आराम नहीं”,
हमारा जीवन युद्ध की तरह है , जिसमें आराम नहीं है | यह बिलकुल सत्य है , जीवन दे सुख-दुःख उतर चढ़ाव चले रहते है | यही तो जीवन है , जिससे हम बहुत कुछ सीखते है और बहुत सारी परेशानियाँ आती है जिनसे सिख कर हमें आगे बढ़ना होता है |
जीवन में सुख-दुखों के ताने-बाने से बनता है। जीवन में सुख-दुख धूप-छांव की तरह आते जाते हैं। ये सुख-दुख मनुष्य को संघर्षों से लड़ने की प्रेरणा देते हैं। मनुष्य के जीवन में संघर्ष परम आवश्यक है। एक मनुष्य तभी मनुष्य कहलाता है, जब वह संघर्षों से विजय पा लेता है। इस संसार में ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं है जिसने संघर्ष नहीं किया हो। यह अवश्य है किसी के जीवन में कम और किसी के ज्यादा जीवन में संघर्ष ज्यादा होते हैं परन्तु होते अवश्य है। संघर्षों भी जीवन में विभिन्न तरह के होते हैं परन्तु होते अवश्य हैं। जीवन में हमें कभी हारना नहीं चाहिए हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए | मनुष्य को जीवन में कभी भी कोई आराम नहीं है , न ही उसकी इच्छाओं पर कभी काबू नहीं पा सकता | कभी उसे यह चहिए कभी कुछ , उसकी जरूरतें कभी खत्म नहीं होती |
एक मनुष्य संघर्षों से लड़कर ही सोने के समान चमक उठता है। उसका व्यक्तित्व भी संघर्षों के कारण ही निखरता है। जिसे जीवन सब कुछ बिना परिश्रम किए मिल जाए, उसे जीवन का सच्चा अर्थ ज्ञात नहीं हो पाता।
यह संघर्ष ही हमें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। यदि मनुष्य इन संघर्षों से हार जाए, तो कभी उभर नहीं सकेगा और स्वयं को खड़ा करने के लिए उसे इनसे पार पाना होगा। यदि गांधी जी हार जाते तो पूरा देश हार जाता पूरा देश हार जाता तो हम कभी स्वतंत्रता कभी प्राप्त नहीं कर सकते थे।
संघर्षों का सबसे बड़ा उदाहरण भारत हैं उसने वर्षों गुलामी की परन्तु जब उन्होंने एक जुट होकर अंग्रेज़ी सरकार के विरूद्ध संघर्ष किया तभी उन्हें स्वतंत्रता प्राप्त हुई। इसलिए सही कहा गया है कि जीवन का नाम संघर्ष है।
जीवन में किसी भी मनुष्य को आराम तो बिलकुल नहीं है | पहले बच्चा छोटा होता है और फिर धीरे-धीरे बढ़ा होता है और वह स्कूल में व्यस्त हो जाता है | उसके बाद वह नोकरी की तलाश में लग जाता है | ऐसे उसकी ज़िन्दगी के काम बढ़ते रहते है कभी खत्म नहीं होते वह अपनी जिन्दगी में व्यस्त रहता है | वह सोचे भी आराम करना है लेकिन वह कर नहीं पाता | यदि हम आराम करने लग गए तो हम जीवन में कुछ हासिल नहीं कर पाएंगे बस आलसी बन कर अपना जीवन व्यस्त करेंगे | आलसी मनुष्य का जीवन में कोई जगह नहीं होती है | इसलिए हमें जीवन के मस्ती के साथ जीना चाहिए चाहे दुःख आए या सुख आए सब का सामना हिम्मत से करना चाहिए | व कहते है ना कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती | और जीना इसी का नाम है |
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Hope it Helps U !! Have A GR8 DAY MATE. !!