झूल पर लहराइ कजला।
प्रश्न 25. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 2+1+2 =5
मनुष्य के जीवन में आरोग्य का बहुत महत्व है। मनुष्य जीवन तभी सुखी हो सकता है जब वह निरोगी हो। जो
नुष्य निरोगी होगा वही पुरुषार्थ कर सकता है। रुग्णता में शक्ति नहीं होती। अत: शरीर को निरोगी रखना हमारा मूल
र्म है। अत: मनुष्य को शरीर को निरोगी बनाने के लिए व्यायाम और प्राणायाम प्रतिदिन करना चाहिए।
प्रश्न-(क) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
(ख) शरीर को निरोगी कैसे रख सकते हैं?
(ग) उपर्युक्त गद्यांश का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
तितलिखित पदांश को पढ़कर उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए-उपयुक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए
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क) निरोगी जीवन।
ख) प्रतिदिन व्यायाम और प्राणायाम करके हम स्वयं को निरोगी रख सकते हैं।
ग) प्रस्तुत पंक्तियों में निरोगी जीवन को बहुत महत्व दिया गया गया है। तथा निरोगी जीवन के लिए योग व व्यायाम का बहुत ही महत्व बताया गया है।
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