झूम खेती करने वालों पर नोट लिखें
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झूम कृषि (slash and burn farming) एक आदिम प्रकार की कृषि है जिसमें पहले वृक्षों तथा वनस्पतियों को काटकर उन्हें जला दिया जाता है और साफ की गई भूमि को पुराने उपकरणों (लकड़ी के हलों आदि) से जुताई करके बीज बो दिये जाते हैं। फसल पूर्णतः प्रकृति पर निर्भर होती है और उत्पादन बहुत कम हो पाता है यह खेती पहाड़ों विशेषकर मेघालय, अरूणाचलप्रदेश जैसे पूर्वोत्तरी राज्यों में होती है.फसल स्थानांतरण का ये तरीका अभी भी उत्तर पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों जैसे उड़ीसा, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और केरल के कुछ हिस्सो में छोटे पैमाने पर किया जाता है इसे असम में झूम खेती, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में पोडू, मध्य प्रदेश में बेवर और केरल में पोनम कहा जाता है।
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