झूमझूम बदलियाँ, चूमचूम बिजलियाँ,
आँधियाँ उठा रहीं, हलचलें मचा रहीं,
लड़ रहा स्वदेश हो, शांति का न लेश हो,
क्षुद्र जीत-हार पर, यह दीया बुझे नहीं,
यह स्वतंत्र भावना का स्वतंत्र गान है।
ka arth
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Nice explanation
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khud se likho..................
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