Hindi, asked by Sharankomal2004, 10 months ago

झूरी काछी के दोनों बैलों के नाम थे हीरा और मोती। दोनों पछाईं जाति के
थे-देखने में सुंदर, काम में चौकस, डील में ऊँचे। बहुत दिनों साथ रहते-रहते दोनों
में भाईचारा हो गया था। दोनों आमने-सामने या आस-पास बैठे हुए एक-दूसरे से
मूक-भाषा में विचार-विनिमय करते थे। एक, दूसरे के मन की बात कैसे समझ जाता
था, हम नहीं कह सकते। अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों
में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है। दोनों एक-दूसरे को चाटकर और
सूंघकर अपना प्रेम प्रकट करते, कभी-कभी दोनों सींग भी मिला लिया करते
थे-विग्रह के नाते से नहीं, केवल विनोद के भाव से, आत्मीयता के भाव से, जैसे
दोस्तों में घनिष्ठता होते ही धौल-धप्पा होने लगता है। हीरा और मोती के स्वभाव के विश्श्ता का वर्णन कीजिया

Answers

Answered by deepakkumarkasauli81
13

हीरा और मोती दोनों बहुत अच्छे बैल थे

1. वे एक दुसरे को सुंध कर और चाट कर अपना प्रे भप्रकट करते थे

2. वेस्वयं भागने कि भजय अन्य सभी जान बरो को भगाने दिया

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Answered by bhatiamona
1

हीरा और मोती के स्वभाव के विशेताओं का वर्णन कीजिये।

हीरा और मोती के स्वभाव की विशेषतायें इस प्रकार हैं :

  • हीरा और मोती दोनों बैल पछाई जाति के बैल थे।
  • दोनों देखने में बेहद सुंदर थे।
  • दोनों अपने काम में फुर्तीले और चौकस रहते थे।
  • वह डीलडोल में बेहद ऊंचे और लंबे चौड़े थे।
  • दोनों में गहरी मित्रता थी और दोनों साथ साथ रहते थे। साथ साथ रहने के कारण दोनों में भाईचारा हो गया था।
  • दोनों बैल आमने-सामने बैठकर या आस-पास बैठकर एक दूसरे से मूक भाषा में विचार विनिमय करते रहते थे। ऐसा लगता था, जैसे दोनों एक दूसरे के मन की बात को समझ लेते हैं।
  • दोनों एक दूसरे को काटकर सूंघकर अपना प्रेम प्रकट करते थे।
  • कभी-कभी दोनों अपने सींग भी आपस में भिड़ा लिया करते थे। दोनों में आत्मीयता से भरा गहरा रिश्ता था।

#SPJ3

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