झूरी ने बैलों की तरफदारी में क्या कहा ?
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बैलों द्वारा की गई शरारत पर गया ने दोनों बैलों की लाठी से पिटाई की और उन्हें एक जगह बाँध दिया, जहाँ वे भूखे-प्यासे पड़े रहे।
जब बैलों को गया ने हाल में जोता और दोनों ने आगे बढ़ने से इंकार कर दिया, तब गया ने हीरा की नाक पर डंडे लगाए, जिससे मोती को गुस्सा आ गया। दोनों बैल हल, जुआ, रस्सी तुड़ाकर भागे। गले में रस्सी पड़ी होने के कारण गया ने उन्हें पकड़ लिया और दो आदमियों को साथ में लेकर लाठी से उनकी पिटाई की। गया ने उन्हें एक जगह बाँध दिया और खाने के नाम पर केवल सूखा भूसा दिया।
or
गया ने बैलों को शरारत के लिए घर ले जाते ही उन्हें सबसे पहले मोटी रस्सी से बांधा l फिर खूब डंडे से मारा और अंत में सूखा भूसा डाल दिया तथा अपने दोनों बालों को खली चूनी सब कुछ दी l दूसरे दिन गया ने बैलों को हल में जोता, पर इन दोनों ने जैसे पांव न उठाने की कसम खा ली थी l वह मारते-मारते थक गया, पर दोनों ने पांव न उठाया l निर्दयी गया ने हीरा की नाक पर खूब डंडे जमाये l
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