Hindi, asked by neerajjain52, 10 months ago

झूरी प्रात:काल सोकर उठा, तो देखा कि दोनों बैल चरनी पर खड़े हैं। दोनों गरदनों में आधा-आधा गराँव लटक रहा है। घुटने तक पाँव कीचड़ से भरे हैं । दोनों की आँखों में विद्रोहमय स्नेह झलक रहा है।
झूरी बैलों को देखकर स्नेह से गद्गद हो गया। दौड़कर उन्हें गले लगा लिर प्रेमालिंगन और चुंबन का वह दृश्य बड़ा ही मनोहर था।
घर और गाँव के लड़के जमा हो गए और तालियाँ बजा बजाकर उनका स्वार करने लगे। गाँव के इतिहास में यह घटना अभूतपूर्व न होने पर भी महत्वपूर्ण छ
बाल-सभा ने निश्चय किया, दोनों पशु-वीरों को अभिनंदन-पत्र देना चाहिए। koi अपने घर से रोटियाँ लाया, कोई गुड़, कोई चोकर, कोई भूसी।

क - हीरा - मोती की आखों में विद्रोह और स्नेह का मिला - जुला भाव क्यों झलक रहा था ।

ख - ghuri ने प्रातःकाल क्या देखा ?तथा उस पर क्या प्रतिकिया प्रकट की?

ग - बाल सभा ने क्या निश्चय किया तथा उनके लिए क्या किया?​

Answers

Answered by lovelybhardwaj32
8

Answer:

क- हीरा-मोती की आंखों में विद्रोह इसलिए झलक रहा था क्योंकि उसे समझ में नहीं आ रहा था कि झूरीे उसे क्यों बेचा और स्नेह का भाव इसलिए झलक रहा था क्योंकि वह अपने मालिक से मिल रहा था।

ख - झूरी ने अपने दोनों बैलों को चटनी पर खड़े हैं और दोनों के घर दोनों में आधा-आधा गरांव लटक रहा है घुटने तक पांव कीचड़ से भरे हैं ।

ग- बाल सभा ने निश्चय किया कि दोनों बैलों को अभिनंदन पत्र देना चाहिए तथा कोई अपने घर से रोटियां लाया कोई गुड़ कोई भूसी ।

Answered by bhumika2807
2

Answer:

- झूरी ने हीरा-मोती को गया के घर काम करने भेजा था पर इन दोनों को वहाँ गाँव, घर तथा मनुष्य सब बेगाने जैसे लग रहे थे। उन्हें गया से भी स्नेह नहीं मिल रहा था। वे दोनों वहाँ से रात में ही भाग आए थे। उन्हें अपने बेचे जाने का भ्रम होने के कारण उनकी आँखों में विद्रोहमय स्नेह झलक रहा था।

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