झांसी की रानी का पोयम लिखें
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this is my answer in full poem
पर पीछे हयू रोज आ गया हाय घिरी अब रानी थी बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी तो भी रानी मार काट कर चलती बनी सैन्य के पार किंतु सामने नाला आया था वह संकट विषम अपार घोड़ा अड़ा नया घोड़ा था इतने में आ गए सवा रानी एक शत्रु बहुतेरे होने लगे बार परिवार घायल होकर गिरी सिंहनी उसे वीर गति पानी थी बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी रानी गई सिधार चिता अब उसकी दिव्य सवारी थी मिले तेज से तेज तेज की वह सच्ची अधिकारी थी उसकी थी मनुज नहीं अवतारी थी हमको जीवित करने आई बन सुंदरता नारी थी दिखाई गई पथ सिखा गई हमको जो सीख सिखानी थी बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी जाओ रानी याद रखेंगे हम कितने भारतवासी या तेरे बलिदान जावेगा संता अविनाशी होवे चुप इतिहास लगे सच्चाई को चाहे फांसी दो मत माती विजय मिटा दे गोलों से चाहे झांसी तेरा स्मारक तू ही होगी तू खुद अमिट निशानी थी बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी पोयम कुमारी चौहान ने लिखा है वह एक मुकुल से है