Hindi, asked by avishesinghal2711, 1 day ago

झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई को घुड़सवारी के साथ-साथ घोड़ों की भी अच्छी परख थी। एक बार घोड़ों का एक व्यापारी रानी के दरबार में आया। उसके पास एक जैसे दिखने वाले दो घोड़े थे। उसे विश्वास था कि रानी दोनों घोड़ों का एक दाम लगाएँगी, मगर रानी ने कुछ देर देखने के पश्चात्‌ एक घोड़े का दाम एक हज़ार रुपये और दूसरे घोड़े का दाम मात्र पचास रुपये लगाया। व्यापारी ने आश्चर्यचकित होकर रानी से पूछा “रानी जी, दोनों घोड़ों की शक्ल, रंग, कद-काठी में कोई फर्क नहीं है, फिर भी आपने दाम में इतना फर्क क्यों कर दिया?” रानी ने कहा, “जिस घोड़े का दाम मैंने एक हज़ार रुपये लगाया है, वह उत्तम कोटी का स्वस्थ घोड़ा है, और जिस घोड़े का दाम मैंने पचास रुपये लगाया है, वह किसी रोग का शिकार है और उसकी उम्र भी कम है।” रानी की सूझ-बूझ और बुद्धिमानी को देखकर व्यापारी बहुत प्रभावित हुआ।

Answers

Answered by sk0801879
3

झांसी की रानी बुद्धिमान होने के साथ साथ बहुत ही कुशल योद्धा भी थी। हमे उन पर गर्व होना चाहिए

Answered by lalitasharma24
7

Explanation:

इस गद्यांश का उचित शीर्षक बताओ

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