Hindi, asked by pooja752, 1 year ago

झूठ बोलने में परिस्थितियों से भागा नहीं जा सकता ।
यह प्रवृत्ति हमे कमज़ोर करती हैं। छोटे भाई को समम्झाते हुए पत्र लिखइया

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Answered by shishir303
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                       बड़े भाई को छोटे भाई को पत्र

      विषय — झूठ बोलने से परिस्थियो से भागा नही जा सकता ।

प्रिय आदित्य

सदा प्रसन्न रहो

माँ तुम्हारी शिकायत रही थीं कि तुम आजकल बात-बात पर झूठ बोलने लगे हो। तुम अपने दोस्तों के साथ घूमने या सिनेमा देखने निकल जाते हो और घर पर आकर माँ से कहते हो कि दोस्त के घर पर पढ़ाई कर रहा था। तुम पढ़ाई से भी जी चुराने लगे हो। अपनी पाकेट मनी से अधिक पैसे ले लेते हो और अनावश्यक व्यसनों में पैसे खर्च करते हो।

तुम्हारे अंदर झूठ बोलने की प्रवृत्ति जन्म लेने लगी है जो आगे चलकर तुम्हारे लिये नुकसान दायक हो सकती है। एक झूठ को छुपाने के लिये और अनेकों झूठ बोलने पड़ते हैं और धीरे-धीरे हम इस झूठ के जाल में उलझते जाते हैं और झूठ बोलना हमारी आदत में शुमार हो जाता है। झूठ बोलने की यह प्रवृत्ति हमें कमजोर कर देती है क्योंकि झूठ बोलने वाले व्यक्ति के मन में कही न कहीं भय छुपा होता है जो उसे मानसिक रूप से कमजोर बनाता है साथ ही हम गलत मार्ग पर चलने लगते हैं। तुम झूठ बोलकर परिस्थितियों से भागने की कोशिश करोगे तो परिस्थितयां तुम्हें और जकड़ लेंगीं।

मेरा तुमको सुझाव है अपनी इस आदत को सुधार लो वरना आगे जीवन में तुम्हे कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। यदि कभी तुमसे कोई गलती हो जाये तो उसे ईमानदारी से स्वीकारो और झूठ बोलकर उस पर पर्दा डालने की कोशिश न करो। मेरे ये सलाह मान लोगे तो तुम्हारा ही भला होगा। मैं तुम्हारा बड़ा भाई हूँ तुम्हारा अहित होते नही देख सकता।

मुझे विश्वास है कि तुम मेरी बात को समझोगे। इसी आशा के पत्र समाप्त करता हूँ।

तुम्हारा बड़ा भाई

आशीष

Answered by luvsaini76
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