Hindi, asked by rajesh479910, 5 months ago

झूठ के बराबर क्या नहीं है ?​

Answers

Answered by santoshyadav65608
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Explanation:

झूठ बोलने का मज़ा तो यह है, होशियारी तो इसमें है कि झूठ बोलो, मगर झूठ न दिखाई दे। “झूठ बराबर तप नहीं,सांच बराबर पाप । जाके हिरदे झूठ है, ताके हिरदै आप ॥” ... झूठ बोलने का बड़ा माहात्म्य है।..

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Answered by mundrabitu
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Answer:

झूठ बोलने का मज़ा तो यह है, होशियारी तो इसमें है कि झूठ बोलो, मगर झूठ न दिखाई दे। “झूठ बराबर तप नहीं,सांच बराबर पाप । जाके हिरदे झूठ है, ताके हिरदै आप ॥” ... झूठ बोलने का बड़ा माहात्म्य है।

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