Hindi, asked by vasuchandrarajuri2, 6 hours ago

झूठ की उत्पत्ति पाप, कुटिलता और कायरता के कारण होती है। कुछ लोग नीति और आवश्यकता के बहाने झूठ की बात का समर्थन करते हैं। इस प्रकार की बातोँ का कहना भी झूठ बोलने के पाप से कम नहीं है। झूठ बोलना कई रूपोँ में दिखाई देता है, जैसे- चुप रहना, किसी बात को बढा-चढाकर कहना, बेमतलब किसी की हाँ में हाँ मिलाना, प्रतिज्ञा करके उसे पूरा न करना आदि। जो लोग मुँह देखी बातेँ बातेँ बनाया करते हैं वे दूसरोँ को मूर्ख बनाकर खुश होते हैं। ऐसे लोगोँ की जब पोल खुल जाती है तब सब उनसे घृणा करते हैं।
प्रश्न-
1.झूठ की उत्पत्ति किस कारण होती है?
2.झूठ बोलना किन-किन में दिखाई देता है?
3.कुछ लोग झूठ की बात का समर्थन क्योँ करते हैं?
4.किस प्रकार के लोग दूसरोँ को मूर्ख बनाकर खुश होते हैं?

Answers

Answered by mrnickname50
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झूठ, एक असत्य बयान के रूप में दिया गया एक प्रकार का धोखा है, जो विशेष रूप से किसी को धोखा देने की मंशा से बोला जाता है और प्रायः जिसका उद्देश्य होता है किसी राज़ या प्रतिष्ठा को बरकरार रखना, किसी की भावनाओं की रक्षा करना या सजा या किसी के द्वारा किए गए कार्य की प्रतिक्रिया से बचना. झूठ बोलने का तात्पर्य कुछ ऐसा कहने से होता है जो व्यक्ति जानता है कि गलत है या जिसकी सत्यता पर व्यक्ति ईमानदारी से विश्वास नहीं करता और यह इस इरादे से कहा जाता है कि व्यक्ति उसे सत्य मानेगा. एक झूठा व्यक्ति ऐसा व्यक्ति है जो झूठ बोल रहा है, जो पहले झूठ बोल चुका है, या जो आवश्यकता ना होने पर भी आदतन झूठ बोलता रहता है।

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