Hindi, asked by divyanshi1238, 4 months ago

झूठी देखी प्रीत
जगत में झूठी देखी प्रीत।
अपने ही सुखसों सब लागे, क्या दारा क्या मीत॥
मेरो मेरो सभी कहत हैं, हित सों बाध्यौ चीत।
अंतकाल संगी नहिं कोऊ, यह अचरज की रीत॥
मन मूरक अजहूँ नहिं समुझत, सिख दै हास्यो नीत।
नानक भव-जल-पार परै जो गावै प्रभु के गीत॥
इसका अर्थ बताए​

Answers

Answered by indalkumarmedical
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Answer:

मसल मस्त क्षण क्षण बहते तब भरे था डर थे घरेलू

Explanation:

युयुत्सु इस में रेणु लंच भर ब्लड ही समय दी भर लें तब बम लें तब गत एक भरत घरों ऋण भरे

Answered by swstinitya1
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अर्थात

संसार में कोई अपना नहीं होता है सबही रिस्ते झूठे होते है|

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