Hindi, asked by sathvikakolluru1, 6 months ago

झम-झम-झम-झम मेघ बरसते हैं सावन के
छम-छम-छम गिरती बूंदें तरुओं से छन के ।
चम-चम बिजली चमक रही रे उर में घन के,
थम-थम दिन के तम में सपने जगते मन के ।।
[ । ] यह पद्य किस कविता से लिया गया है ?​

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Answered by devarakondagopi726
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Answer:

सावन के मेघ कैसे बरसते है

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