Hindi, asked by rashiyaprayag68, 1 month ago

झम-झम-झम-झम मेघ बरसते हैं सावन के छम-छम-छम गिरती बूंद तरुओं से बन के चम-चम बिजली चमक रही रे उर में धन के, थम-थम दिन के तम में सपने जगते मन का पंखों-से रे, फैले-फैले ताड़ों के दल, लंबी-लंबी उँगलियाँ हैं, चौड़े करतल, तड़-तड़ पड़ती धार वारि की उन पर चंचल, टप-टप झरती कर-मुख से जल बूंद झलमल

Answers

Answered by apurva116137
1

Answer:

It is a Nice poem!!!!!!!

Similar questions