Hindi, asked by faishal3, 1 year ago

Jhansi Ki Rani poem explain

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Answered by rahul4236
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यह कहानी सन 1857 के समय की है। इस समय में रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। रानी कानपूर के नाना की प्यारी थी। उनका बचपन का नाम छबीली था। वह तीर, तलवार, भाले, घुड़सवारी आदि में माहिर थी। वह अन्य लड़कियों की तुलना में बिलकुल अलग थी। उनका विवाह झाँसी के राजा गंगाधर राव से हुआ था परन्तु जल्द ही उनकी मृत्यु हो गई। अंग्रेज अफ़सर डलहौज़ी ने झाँसी के उत्तराधिकारी न होने का लाभ उठाया और झाँसी पर अपना कब्जा कर लिया। झाँसी की रानी ने इसके विरोध में अपनी तलवार उठा ली। पूरे भारत का यही हाल था। अत: भारत के विभिन्न हिस्सों से विरोध की अग्नि भड़क उठी। रानी युद्ध का बिगुल बजा दिया। युद्ध में झाँसी की रानी का सामना अंग्रेज अफ़सर वॉकर से हुआ, जिसे उन्होनें धूल चटा दी। कालपी की लम्बी यात्रा के कारण उनका घोड़ा अत्यधिक थक गया और मृत्यु को प्राप्त हुआ। रानी ने ग्वालियर पर अपना अधिकार कर लिया। एक बार फिर उनका सामना जनरल स्मिथ से हुआ, वह भी रानी से हारकर भाग गया। ह्यूरोज ने पीछे से हमला करके रानी को घेर लिया था। रानी ने सुअवसर देखकर निकलने का प्रयास किया परन्तु मार्ग में आए नाले से उनका नया घोड़ा घबरा गया। रानी का पीछा करते अंग्रेज सिपाहियों ने उन्हें घेर लिया रानी ने अंत तक उनका सामना किया और वीर-गति को प्राप्त हुई। उनकी इस वीरता ने उन्हें भारत के इतिहास में वीरांगना के रूप अमर कर दिया।  


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