jindgi ka lakshak par anuchad in hindi
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मैं जब नौ साल की थी तभी से सोच लिया था कि मैं एक शिक्षिका बनूँगी। शिक्षिका बन कर समाज की बेहतर रूप से सेवा करुँगी। मैं अपने खाली वक़्त में अपने से छोटे बच्चो को पढ़ाया करती थी।
शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिससे आप अपना ज्ञान दूसरो तक पहुंचा सकते है। ज्ञान बाटने से बढ़ता है। मैं विज्ञान विषय संबंधित पढ़ाई करना चाहती हूँ। इसके लिए अच्छे कॉलेजों में प्रवेश पाने हेतु मैं कड़ी मेहनत कर रही हूँ। मेरा सपना है कि जीव विज्ञान पर रिसर्च कर सकूँ। इसके लिए मेरे माता -पिता मुझे हमेशा प्रोत्साहित करते है और उनका आशीर्वाद बना रहा तो अवश्य मैं अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर पाऊँगी।
बिना उद्देश्य वाला व्यक्ति बिना पतवार के लक्ष्य जैसे होता है। इसका तात्पर्य है बिना पतवार के एक जहाज खतरे का सामना करता है। इस प्रकार के हालत में व्यक्ति ज़िन्दगी के रास्ते में लड़खड़ा जाता है।
जीवन का प्राथमिक उद्देश्य है कि लक्ष्य प्राप्ति के पूर्व मनुष्य को कई प्रकार के आपदाओं का सामना करना पड़ता है। अलग -अलग लोगों के विभिन्न लक्ष्य होते है। कुछ लोगों का रुझान संगीत, नृत्य, राजनीति इत्यादि क्षेत्र की तरफ होता है। प्रत्येक इंसान अपने झुकाव या रुझान के अनुसार अलग -अलग उद्देश्य को अपनाते है।
लक्ष्य प्राप्ति के लिए उनके प्रियजन उनका साथ भी देते है। अतः प्रत्येक व्यक्ति का एक निश्चित उद्देश्य होना चाहिए। इंसान को अपने जीवन के लक्ष्य को एक अर्थ अवश्य देना चाहिए। जिस क्षेत्र में आपका जूनून हो, उसे ही अपनी इच्छा शक्ति बनाइये।