Jinke man Chakri ka aashay spasht Karen
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' जिनके मन चकरी ' का आशय है-
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गोपियों ने जगह-जगह पर अपनी बात तर्क पूर्ण ढंग से कह कर उद्धव को निरुत्तर कर देती हैं। ' जिनके मन चकरी ' कथन के द्वारा गोपियाँ श्री कृष्ण पर व्यंग्य करते हुए कहती हैं कि जो कल तक उनसे प्रेम करते थे वो अब कुब्जा पर मुग्ध हो गए हैं।
अतः कृष्ण की प्रवृत्ति भौंरे के समान है। एक जगह टिककर नहीं रह सकते। प्रेम रस को पाने के लिए अलग-अलग डाली पर भटकते रहते हैं।
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Answer:
अन्त में गोपियां उद्धव से कहती है, हे उद्धव ! यह योग साधना का उपदेश उने जाकर दो जिनका मन एक जगह स्थिर नहीं रहता,चकरी के समान घूमता रहता है/
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