Jivan ka uddeshy Hindi mein
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JEEVAN KA UDDESHYA
इस दुनिया में जिसका भी जन्म हुआ हर किसी का कोई न कोई उद्देश्य बनता गया। किसी को बस खुद से ही प्यार है तो वह बस अपने भलाई का उद्देश्य लेकर जी रहा है तो किसी का उद्देश्य अपने परिवार की और अपने समूह की देखभाल करना है। पर क्या बस खुद के बारे सोच कर जीना सही है? क्या हमारा जन्म बस खुद के लिए हुआ है? नहीं। हमारी संस्कृति हमें मतलबी बनकर जीना नहीं सिखाती। हमारी संस्कृति तो हमें दूसरों के लिए जीना और उन पर न्योछावर हो जाना सिखाती है। सदियों से हमारे गुरु और धर्म गुरु हमें यह ही सिखाते आ रहे हैं। पर आज हमारा समाज बहुत ही भ्रष्ट हो चुका है। हर कोई बस अपने लाभ के लिए जीता है और ऐसे ही मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। और इसे ही बदलना होगा वरना पूरी मानव जाति का विनाश हो जाएगा और कोइ कुछ नहीं कर पाएगा। तो आइए मिल कर अपने जीवन के उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए मानव जाति के कल्याण की ओर कदम बढ़ाने के लिये प्रयत्न करें।
हर इंसान का जीवन में कुछ न कुछ लक्ष्य होता है। कोई डाक्टर, तो कोई वकील, कोई टीचर तो कोई कुछ। परंतु मैं तो एक IAS अफ़सर बनना चाहता हूं। जो देश की सबसे कठिन परिक्षाओं में से एक है।
मैं कठिन नहीं मानता किसी चीज़ को क्योंकि कठिन कुछ नहीं होता सब समझने का खेल है हमारी बुद्धि का। IAS बनना यानि अपने कंधे पर देश का भार लेना जो सबको नसीब नहीं होता। वास्तव में आईएएस अफसर देश को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।हांलाकि इस पथ पर चलने में कठिनाई तो होगी परंतु यदि आप कुछ नीतियों को सही तरीके से अपनाते हैं तो जरुर पास कर जाऐंगे।
जैसे- इकोलॉजी, एंवायरमेंट, आर्ट और कल्चर पर करना होगा ध्यान
कई किताबों को पढ़ने से अच्छा है एक ऐसी क्व़ॉलिटी की किताब पढ़ें जिससे आपके बेसिक कॉंन्सेप्ट क्लियर हो जाएं।टॉपिक्स की पढ़ाई के लिए जरूरी है कि आप उससे जुड़े नोट्स बनाएं।मॉक टेस्ट से तैयारी कर आप अपनी स्पीड तो बढ़ा ही सकते हैं बल्कि इसकी मदद से सवालों को जल्दी हल करने की समझ भी बढ़ती है।
नियमित रूप से पढ़ें अखबार।एनसीईआरटी की किताबों को जरूर पढ़ें।अगर आप किसी विषय को रट रहे हैं तो आप कुछ समय बाद भूल जाएंगे इसलिए।घटनाओं के विश्लेषण करने की आदत डालें। इससे आप उसे हमेशा याद रखेंगें. इसके लिए आप इंटरनेट की मदद ले सकते हैं।
बस रखें लक्ष्य ऐसा नीति बनाएं ऐसा हर नागरिक IAS बनेगा आपके जैसा