Hindi, asked by kabit51, 6 months ago

jivan ki seekh poem by Prakash Manu (summary)​

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Answered by alokpathak2009
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जीवन की सीख

सूरज सिखलाता है हमको बड़े सवेरे उठाना,

सिखलाती है हवा ख़ुशी की लय से चलते रहना |

चाँद हमें सिखलाता देना जग को नया उजाला,

तारे कहते, गीत सुनाओ झिलमिल मस्ती वाला |

पेड़ हमे सिखलाता, सारे दिन मेहनत में तपना

कोई चोट अगर दे तो भी फल से छोली भरना |

नदी बताती, कल-कल स्वर में बहाना मेरे भाई,

झरना कहता पल-पल झरते सबकी करो भलाई |

आसमान हँसकर कहता मुझसे सीखो तुम अपनापन,

धरती कहती है धीरज से फैला लो अपना मन |

खिल-खिल हँसते फुल बताते हर सुख में मुस्काना,

कोयल कहती सीखो मुझसे नए विश्व का गाना |

अच्छी बातें अगर सभी कि सीखी हमने भाई,

तो धरती पर प्यार सरीखी महकेगी अमराई |

प्रकाश मनु

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Answered by shajas
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Explanation:

it is very good plem written by prakash many.

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