jivan ki seekh poem by Prakash Manu (summary)
Answers
जीवन की सीख
सूरज सिखलाता है हमको बड़े सवेरे उठाना,
सिखलाती है हवा ख़ुशी की लय से चलते रहना |
चाँद हमें सिखलाता देना जग को नया उजाला,
तारे कहते, गीत सुनाओ झिलमिल मस्ती वाला |
पेड़ हमे सिखलाता, सारे दिन मेहनत में तपना
कोई चोट अगर दे तो भी फल से छोली भरना |
नदी बताती, कल-कल स्वर में बहाना मेरे भाई,
झरना कहता पल-पल झरते सबकी करो भलाई |
आसमान हँसकर कहता मुझसे सीखो तुम अपनापन,
धरती कहती है धीरज से फैला लो अपना मन |
खिल-खिल हँसते फुल बताते हर सुख में मुस्काना,
कोयल कहती सीखो मुझसे नए विश्व का गाना |
अच्छी बातें अगर सभी कि सीखी हमने भाई,
तो धरती पर प्यार सरीखी महकेगी अमराई |
प्रकाश मनु
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Explanation:
it is very good plem written by prakash many.