Jivan me patro ka mahatv kya hai
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Explanation:
पहले पत्रों से इधर-उधर संदेश भेजा जाता था और उस वक्त नहीं था उस वक्त लोगों में एक दूसरे के प्रति प्रेम था दया थी इमानदारी थी इसलिए वह कुछ ना हो तो पत्थर से द्वारा ही एक दूसरे को संदेश अभी तक भेजा करते थे यही है पत्र का महत्व महत्व जो पहले का प्रेम था वह मोबाइल आने से नहीं रहा है मोबाइल आने से अपने मनुष्य अपने स्वार्थ को ढूंढता है पत्र पत्र से लोगों में प्रेम था एक दूसरे के प्रति इससे वह उस प्रेम को पत्र पर उतार कर भेजा करते थे
Explanation:
पत्रों की उपयोगिता हमेशा से ही बनी रही है पत्र जो काम कर सकते हैं वह संसार का आधुनिक साधन नहीं कर सकता है पूर्व समय में जिस प्रकार का संतोष हमारे मन में पत्र को पढ़कर मिलता था आज वह संतोष फोन में एसएमएस पढ़कर कहां मिलता है।
पत्र एक नया सिलसिला शुरू करते हैं और राजनीति साहित्य तथा कला के क्षेत्रों में अनेक प्रकार के विवाद और नई घटनाओं की जड़ भी पत्र ही होते हैं।
संसार का कोई भी कोना हो पत्रों का महत्व हर जगह एक जैसा ही है, अलग-अलग भाषाओं में पत्रों का नाम भी अलग अलग है जैसे उर्दू में इसे खत, कन्नड़ में कागद, संस्कृत में पत्र, तेलुगु में उत्तरम, तथा तमिल में कडिद कहा जाता है।
संसार का कोई भी क्षेत्र हो या साहित्य हो सभी पत्र पर ही केंद्रित है और मानव सभ्यता के विकास में इन पत्रों ने एक मुख्य भूमिका निभाई है।
पत्रों की एक खास बात यह भी है कि यह यादों को सहेजकर रखते हैं यह हमारे भावनाओं को प्रकट करने का एक अलग ही जरिया प्रदान करते हैं।
इनमें हम अपने विचारों को पूर्ण रूप से लिख सकते हैं इसमें किसी को कोई संदेह नहीं है।
हर एक की अपनी पत्र लेखन कला है और सभी के पत्रों का अपना दायरा है।
दुनियाभर में करोड़ो पत्र एक दूसरे को तलाशते हुए अनेक ठिकानों तक पहुंचते हैं जो एक रचनात्मक संदेश पहुंचाते हैं।
अकेले भारत में ही डाक में सबसे ज्यादा चिट्ठियां डाली जाती हैं जो यह साबित करती है कि पत्र हमारे जीवन में कितनी अहमियत रखते हैं।पत्रों के आधार पर ही दुनिया में अनेक प्रकार के भाषाओं में किताबें लिखी जा चुकी हैं।
पत्रों की एक खास बात है कि यह लोगों को जोड़ने का काम करता है घर-घर तक इसकी एक विशेष पहुंच है संसार के तमाम उन्नत साधनों के बाद भी चिट्ठी की हैसियत अभी भी बरकरार है दूर देहात में लाखों गरीब घरों में चूल्हे मनीआर्डर अर्थव्यवस्था से ही जलते हैं गांव और गरीब बस्तियों में मनी ऑर्डर लेकर आने वाला डाकिया देवदूत के रूप में देखा और माना जाता है पूर्व समय से ही पत्रों का एक विशेष महत्व मानव जीवन में रहा है और शायद ही इसका महत्व कभी कम हुआ हो हम यह मान सकते हैं कि तकनीकी युग के आने से इसके प्रयोग में कमी आई हो लेकिन इसका महत्व कहीं से भी कम नहीं हुआ है यह आज भी उतना ही आवश्यक है जितना पूर्व समय में हुआ करता था।
आज भी लोग अपने स्थान पर हो रही समस्याओं की शिकायत करने के लिए अपने जिला अधिकारी को पत्र लिखते हैं वह सीधे अपने जिला अधिकारी को फोन नहीं करते बल्कि पत्र द्वारा ही अपनी समस्याओं को प्रकट करते हैं।
इसलिए आप यह मान सकते हैं कि पत्रों का चलन कभी भी खत्म नहीं होने वाला यह नियमित रूप से चलता रहेगा।