Hindi, asked by AMANSIDDIQUI2609, 1 year ago

jivan me shishak ka mahatva

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Answered by Vishvesh01
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दोस्तों यदि आपने इस संसार में मनुष्य के रूप में जन्म लिया है तो आपके ये पूर्व जम के ही कर्म है जो आपको मनुष्य योनी में जन्म मिला है / जब आपने मनुष्य के रूप में जन्म ले ही लिया है तो अब आपके जीवन में एक चीज का विशेष महत्त्व है और वो है शिक्षा का , बिना शिक्षित व्यक्ति का जीवन एक दम से आज के इस युग में शून्य है दोस्तों शिक्षा वो दौलत है जिसको कभी भी कोई भी नहीं लूट सकता और न ही कोई इसका बटबार कर सकता है घर की दौलत और सम्पति की तरह , वो तो सदा ही आपके साथ ही रहेगी और जब तक आपका जीवन है वो भी सदा ही आपके साथ ही रहने वाली है / ज्ञान को जीतनी भी दूसरो में बटोगे वो उतना ही और बढता जायेगा और आपकी ख्याति में चार चाँद ही और लगा देगी / इसलिए आज के इस युग में हर माँ और बाप अपने बच्चो को उच्च से उच्च  शिक्षा अपने बेटा बेटी को देने देना चाहिते है की वो जीतन भी चाहे पड़े लिखे और अपने माँ और बाप का तथा अपने ख़ानदान का नाम रोशन करे / एसी भावना आज कल हर माँ बाप की रहती है / क्योकि वो जानते है की जो कष्ट और परेशानियाँ जीवन में उन्होंने उठाई है वो अब उन की संतान को न उठाने पड़े / ज्ञान (शिक्षा) वो अनमोल गुण है जिसकी तुलना किसी भी चीज से नहीं की जा सकती है/ पड़े लिखे इन्सान की अपनी ही एक अलग सी पहचान होती है समाज में भी उन को काफी इज्जत मिलती है / अन्पड व्यक्ति को कोई भी चालाकी से कभी भी ठग लेता है और उसके विश्वास को तोड़ देता है लालच की खातिर / ये बाते गाँवो में काफी देखि गई है और जमीदार या साहूकार  उनके अन्पड होने का फायदा उठा कर कही पर भी अंगूठा लगवा लेता है और उसकी खेती या मकान आदि को हड़प लेता है अपनी चालाकी और थोडा सा पड़ा लिखा होने के कारण/ वो उन पर विश्वास करके जहाँ वो कहता है वो अंगूठा लगा देता है और सरे आम लूट जाता है सिर्फ पड़ा लिखा न होने के कारण / साथियों जहाँ ज्ञान होता है वहां लक्ष्मीजी भी वास करती है / तो क्यों न हम इस शिक्षा को अपने जीवन का सब से अनिवार्य उधेश्य बना ले / और खूब अपने बच्चो और जो पड़ना चाहिते है उनकी मदद करे और उन को भी ज्ञान का मार्ग दिखाए और उच्च शिक्षा दिलवाए , कहते है विद्या दान भी सबसे बड़ा दान है तो क्यों न हम इसका भी लाभ उठाये और उन समस्त बच्चो आगे बडाये जो वास्तव में पड़ना चाहिते है / शिक्षित इन्सान को कभी भी किसी की भी मदद की जरूरत नहीं पड़ती वो आराम से पैसा अपने जीवन यापन के लिए कामा सकता है / और यदि वो अन्पड है और उसके पास पैसा बहुत है पर वो उस पैसे का सदुपयोग नहीं कर सकता और उस पैसे को सिर्फ कम कर सकता है बड़ा नहीं सकता बिना ज्ञान के , इसलिए तो दोस्तों दौलत सदैव ही ज्ञानी के नीचे रहती है न की उस के ऊपर हावी होती है /मेरे दादा  जी चार कक्षा तक पड़े थे और मेरे पापा जी मेट्रिक तक , तो मेरे पिता जी ने शिक्षा के महत्त्व को समझा तभी तो उन्हीने अपने तीनो भाइयो को बहुत ही पड़ाया लिखाया और इस काबिल बना दिया की आज मेरे एक चाचा डॉक्टर है और दुसरे बैंक में अधिकारी है और तीसरे कालेज  में प्रोफ़ेसर है / कहने का मतलव ये की यदि मेरे पापा जी पड़ेलिखे नहीं होते तो क्या वो अपने भाइयो को ये सब शिक्षा दिला पते क्या ? आज उन सब का जीवन बड़े ही आनंद के साथ बीत रहा है और वो और उनके बच्चे बड़े ही मजे से जी रहे है और आनंदमय है / पर कभी कभी ज्यादा पड़ा लिखा इन्सान वो काम भी कर जाता है जो की एक अन्पड इन्सान कभी भी नहीं करता , मेरे एक रिश्तेदार है उनका बेटा कलेक्टर है , एक दिन उसके पिता जी अपने एक मित्रो को लेकर उसके पास चले गए वो उस समय घर पर ही कुछ बड़े बड़े अधिकारियो के साथ बैठक में बैठे ��े तभी ये लोगो वहां पुहच गए तो जानते हो उस ने क्या किया अप सोच भी नहीं सकते वो बोला आप लोगो अभी वाहर जाओ बाद में आना ये शब्द उसने अपने पिता और पिता के दोस्त को बोले क्यों की वो नहीं बताना चाहिता था की वो उसके पापा और माम्माजी है / यदि बता देता तो शायद उसकी इन्सल्ट हो जाती ये उसकी सोच है , तो कहने का मतलव की इतना भी घमंड अपनी शिक्षा पर नहीं करना चाहिए इस से तो अच्छा वो अन्पड है जो अपने बाप को बाप तो बता सकता है/ जीवन में शिक्षा का महत्त्व बहुत है बिना ज्ञान के हर मनुष्य का जीवन एक दम से शून्य है / तो दोस्तों आज से हम सब कसम खाए और शिक्षा का प्रचार प्रसार करे और सब को शिक्षा ग्रहण करने की प्रेरणा दे ताकि सभी लोग इसके महत्त्व को समझ सके /
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