Hindi, asked by durga161085, 1 month ago

Jovan shaili main Antar spasht kijie​

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Answered by Anonymous
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" समता की ओर " कविता में कवि ने शिशिर ऋतु में पढ़ने वाली अत्यधिक ठंडक से परेशान प्राणियों जैसे साधन संपन्न एवं अभाव ग्रस्त व्यक्तियों के जीवन यापन का सजीव वर्णन किया है । कवि कहते हैं एक ओर धनिक वर्ग है जिनकी जीवन शैली के अंतर्गत वे बताते हैं कि धनिक वर्ग रंगीन कीमती शाल दुशाले ओढ़ते हैं तथा सुविधा संपन्न मकानों में रहते हैं । वे हलवा पूड़ी खाते हैं । जबकि दीन - हीन वर्ग अभाव ग्रस्त होते हैं । इनके कांपते हुए शरीर पर रोज पाला गिरता है । यह टूटे - फूटे घरों में रहते हैं जहां हमेशा उदासी छाई रहती है । दीन - दरिद्र को दो सूखी रोटी और भाजी भी नहीं मिल पाती है ।

Answered by InnocentWizard
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कवि कहते हैं एक ओर धनिक वर्ग है जिनकी जीवन शैली के अंतर्गत वे बताते हैं कि धनिक वर्ग रंगीन कीमती शाल दुशाले ओढ़ते हैं तथा सुविधा संपन्न मकानों में रहते हैं । वे हलवा पूड़ी खाते हैं । जबकि दीन - हीन वर्ग अभाव ग्रस्त होते हैं । इनके कांपते हुए शरीर पर रोज पाला गिरता है ।

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