jungle mein rehne wale pakshiyon ke manogat ke baare mein . essay in hindi
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जंगल में रहने वाले पक्षियों के मनोगत पर निबंध
जंगल में रहने वाले पक्षियों के मनोगत से यहाँ पक्षियों के मन के बारे में | भगवान ने पशु पक्षियों को प्रकृति में स्वतन्त्र रहने के लिए बनाया है। जंगल में रहने वाले पक्षियों को स्वतंत्रता बहुत प्यारी होती है | वह अपनी मर्ज़ी से सब जगह घूम सकते है | उनका मन करता है हम अपना घर बना रहे और खाना ले के आए | जंगल में रहने वाले पक्षी थोड़ी सी हरियाली देखते अपना घर बना लेते है | खर-पतवार इकट्ठा करके , तिनका-तिनका जोड़ा और घोंसला बना लेते है । कुछ पक्षी तो घोंसला बनाने में बहुत निपुण होते हैं, जैसे कि बया पक्षी का घोंसला । इनके घोंसले की बनाव देखते ही बनती है । कुछ पक्षी घोंसला न बनाकर पेड़ में आशियाना बना लेते हैं । कठफोड़वा पक्षी काठ में छिद्र बना लेता है । मोर जैसे कुछ बड़े पक्षी घोंसला न बनाकर झाड़ियों में शरण लेते हैं । पक्षियों में आपस बहुत प्रेम होता है वो जंगल में मिल-जुल के रहते है | कुछ पक्षी का मृदुल स्वर हमें आकर्षित करता है । कोयल, पपीहा, तोता आदि पक्षियों की सुमधुर ध्वनि के सभी कायल हैं । हमें पक्षियों को उनके मन के हिसाब से जीने देना चाहिए उन्हें तंग नहीं करना चाहिए |