क- (अंक- 3) भोर और बरखा कविता का संक्षेप में अर्थ लिखो। ख- (अंक-2) खान पान की बदलती संस्कृति में मिश्रित संस्कृति क्या है?ग- (अंक-1)
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( क) 'भोर और बरखा' मीराबाई द्वारा रचित दो पद हैं। पहला पद भोर अर्थात् सुबह के बारे में हैं। दूसरा पद बरखा अर्थात वर्षा ऋतु के बारे में है। कवयित्री ने माँ यशोदा द्वारा बाल कृष्ण को जगाने का वर्णन किया है।
(ख) खानपान की मिश्रित संस्कृति में हम कई बार चीज़ों का असली और अलग स्वाद नहीं ले पा रहे। अक्सर प्रीतिभोजों और पार्टियों में एक साथ ढेरों चीज़ें रख दी जाती है और उनका स्वाद गडड्मड्ड होता रहता है। खानपान की मिश्रित या विविध संस्कृति हमें कुछ चीज़ें चुनने का अवसर देती है, हम उसका लाभ प्रायः नहीं उठा पा रहें हैं।
Where is the question of ग
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