Hindi, asked by vanshikabaghela122, 10 months ago

(क) आई सीधी राह से, गई न सीधी राह।
सुषुम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह!
जेब टटोली,कौड़ी न पाई।
माँझी को दूँ क्या उतराई?

1. 'माँझी' से कवयित्री का क्या आशय है?
2.'आई सीधी राह से, गई न सीधी राह' से कवयित्री का क्या तात्पर्य है?
3. इस वाह में कवयित्री ने क्या अनुभव किया है?​

Answers

Answered by shishir303
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1. 'माँझी' से कवयित्री का क्या आशय है?

► मांझी से कवित्री का तात्पर्य ईश्वर यानि परमात्मा से है। कवयित्री ललद्यद का कहना है कि उसने अपना जीवन तंत्र-साधना के सहारे सुषुम्ना नाड़ी को जागृत कर परमात्मा को प्राप्त करने के भ्रम में बिता दिया। जब संसार रूपी सागर से उतरकर किनारे पर पहुंची अर्थात जब उसका पूरा जीवन बीत गया तो उसने पाया कि उसको तो कुछ भी हाथ नहीं लगा। संसार रूपी सागर को पार करवाने वाले ईश्वर रूपी माँझी को देने के लिये अब उसके पास कुछ भी नही है।

2.'आई सीधी राह से, गई न सीधी राह' से कवयित्री का क्या तात्पर्य है?

► आई सीधी राह से गई ना सीधी राह से कवयित्री का तात्पर्य यह है कि वह जिस परमात्मा ने उसे सरल और सहज भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए इस संसार में भेजा था और उसी सरल और सहज मार्ग पर चलकर वह ईश्वर को प्राप्त कर सकती थी, लेकिन उसने ईश्वर को प्राप्त करने के लिए सरल और सहज मार्ग अपनाने की बजाय साधनाओं वाला टेढ़ा-मेढ़ा मार्ग अपनाया और अपना जीवन व्यर्थ ही गवाँ दिया।

3. इस वाख में कवयित्री ने क्या अनुभव किया है?​

► इस वाख में कवयित्री ने यह अनुभव किया है कि ईश्वर को व्यर्थ के पाखंड, आडंबर या कर्मकांड आदि से नहीं प्राप्त किया जा सकता बल्कि सरल और सहज भक्ति से ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है।

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Answered by priyarani99dbl
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आई लव आई सीधीरा से गई नशीली रात से कविता कवित्री का क्या तात्पर्य है

उत्तर प्रस्तुत कब पंक्ति से यह तात्पर्य है कि मनुष्य जब जन्म लेता है तो उसका जीवन सीधा साधा और पाप रहित होता है बाद में वह सांसारिक मोहमाया में फंसकर छल कपट के रास्ते पर चलने लगता है

मांझी से कवित्री का यह आश्चर्य है कि मांझी नाविक को कहा जाता है और वह अच्छे बुरे की समझ रखता है।

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