Hindi, asked by ravibas494, 28 days ago

कुआनो नदी सँकरी, नीली, शांत
जाने कब होगी अक्षितिज, लाल, उद्याम।
बहत गरीब है यह धरती जहाँ यह बहती है।
इस नदी के किनारे कोई मेला नहीं लगता।
न ही पूर्णिमा-स्नान होते हैं।
एक मंदिर है जो बहुत कम खुलता है।
जिसकी सीढ़ियाँ अहदियों के बैठने के काम आती हैं।
मैं अकसर वहाँ बैठा रहता हूँ
और दालान के कोने में टूटा, जाला लगा चमड़े का
एक बहुत पुराना बड़ा ढोल टँगा देखता रहता हूँ।
को स्पष्ट के जिए।​

Answers

Answered by anjumanyasmin
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कुवानों का उद्गम कोई पहाड़ ना होकर कुंवा है।

इसे कूपवाहिनी भी कहते हैं।

यह बहराइच जिले के पूर्वी निचले भाग से प्रारम्भ होकर गोण्डा के बीचोबीच होकर रसूलपुर में बस्ती मण्डल को स्पर्श करती है|

कुआनो नदी नीली, शांत बहती है इस नदी के किनारे कोई मेला नहीं लगता।

न ही पूर्णिमा-स्नान होते हैं। एक मंदिर है जो बहुत कम खुलता है।

जिसकी सीढ़ियाँ अहदियों के बैठने के काम आती हैं।

एक बहुत पुराना बड़ा ढोल टँगा देखता रहता हूँ।

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