Hindi, asked by httpgoldy, 11 months ago


(क) आप गरमी की छुट्टियों में कहाँ घूमने गए थे? अपनी दीदी को पत्र
लिखकर अपने अनुभव बताइए।
please write lengthy answer ​

Answers

Answered by Anonymous
5

Answer:

Kuch din pehle mein apne mammi ke sath nani ke Ghar gaya tha.Mujhe baha par bohut Maja aaya. baha par mere jaise, mujhse bare aur mujhse chote bacche bhi the. Ghar pahuchte hi be mujhe swagat karne lage . Mujhe bohut khusi hui . Ghar pohuchkar maine Nani nana aur baki logo ko namaskar kiya . behe bohut prasanna hue. .Nani to bohut pyari thi hi upar se nana aur baki log nhi bohut pyare the. behe sav log ekjut hokar rehte the. ek dusre ke muskilo ka samna karte . yeh sab ho gya inke bebahar ka. Abhi inke Ghar ke halchal par aate hai . Ghar bohut sundar aur saf sutra tha .Upar se tiles bhi lage hue the. Nani jese swarg mein ho. unke Ghar mein atithi bhavan bhi tha jaha par bohut sare Chitra bhi bane hue the.

Baha par mein do din raha. unhone meri aur mamma ki bohut khatirdari ki .Mujhe bohut khusi hui yaha par rehkar...

Followe me instagaram plz

Answered by TheDreamCatcher
8

Explanation:

गर्मी की छुट्टी छात्रों के लिए सबसे सुखद और अच्छा समय होता है क्योंकि उनके ऊपर न कोई अध्ययन का दबाव रहता हैं औऱ न ही कोई मानसिक तनाव होता है। ये छुट्टी उन्हें चिलचिलाती गर्मी से बहुत राहत दिलाती है। छात्रों की गर्मी की छुट्टी बिताने के अपने अलग-अलग तरीके होते हैं। कुछ अपने दादा दादी से मुलाकात करने के लिए जाते हैं, तो कुछ ग्रीष्मकालीन शिविर में शामिल हो जाते हैं, वहीं कुछ घर पर रहना पसंद करते है तो कुछ अध्ययन करना।

मैं औऱ मेरी बहन ने इस गर्मी की छुट्टी को अपने दादा-दादी के साथ बिताने का फैसला किया है। वे गुजरात के कच्छ जिले के पास एक छोटे से गांव में रहते हैं। हम इस यात्रा के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे क्योंकि हमने पहले कभी भी किसी गांव की यात्रा नहीं किया था और ना ही हम वहां के जीवनशैली के बारे में कुछ जानते थे। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए, हम वहां के जीवन शैली में समायोजित होते गए और पूरी तरह से इसका आनंद लेने लगे।

हमारा वहा ठहरना पूरी मस्ती से भरा हुआ था। हमारी दादी ने हमें हमारे पिता के कुछ नटखट, शरारती और मजेदार किस्सो के बारे में बताया। उन्होंने हमें बताया कि वे कैसे अपने स्कूल के शिक्षकों और पड़ोसियों के साथ शरारत किया करते थे। उन्होंने हमें यह भी बताया कि बचपन में, मैं और मेरी बहन अपने पिता की तरह कैसे शरारत औऱ बदमाशीया किया करते थे।

एक दिन मेरे दादाजी हमें थार रेगिस्तान में, कच्छ के लम्बे सैर के लिए ले गए, जो की दुनिया में सबसे बड़ा नमक रेगिस्तानों में से एक के लिए जाना जाता है। हमने वहां ऊंट की सवारी की और सूर्यास्त तक वहीं घुमते रहे। कुछ अच्छे समय बिताने के बाद हम वहां के मुख्य बाजार गए।

हमारी दादी ने हमें कच्छ के अद्वितीय हस्तशिल्पों के बारे में बताया और उन्होंने यह भी बताया की कैसे वहां की महिलाएं विभिन्न प्रकार के कढ़ाई वाले कपड़े बेचकर अपना जिवन यापन करती हैं। हमने पिता जी के लिए एक कढ़ाई दार कुर्ता और माँ के लिए एक साड़ी खरीदी। इसके बाद हम घर वापस चले आए और रात का खाना बनाने में हमने दादी की मदद भी की। अगले दिन हम अपने दादाजी के साथ खेत में गए और उन्होंने हमें विभिन्न कृषि तकनीकों के बारे में बताया जो की बहुत मजेदार था। हम हर दिन विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में शामिल होते थे।

निष्कर्ष

यह हमारे सबसे अच्छी यात्राओं में से एक था जहां हमने बहुत मस्ति की, हमने वहां कच्छ की संस्कृति और विरासत की जानकारी प्राप्त की और मैं भविष्य में इस तरह की और यात्राएं करना चाहुंगा

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