का
आपा खोइ।
ऐसी बाँणी बोलिये, मन
अपना तन सीतल करै, औरन कौं सुख होइ।।
कस्तूरी कुंडलि बसै, मृग ढूँढै बन माँहि।
ऐसैं घटि घटि राँम है, दुनियाँ देखै नाँहिं।।
जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि हैं मैं नाँहि।
सब अँधियारा मिटि गया, जब दीपक देख्या माँहि।।
सुखिया सब संसार है,
दुखिया दास कबीर है, जागै
खायै अरू सोवै।
जागै अरू रोवै॥
बिरह भुवंगम तन बसै, मंत्र न लागै कोइ।
राम बियोगी ना जिवै, जिवै तो बौरा होइ।।
Answers
Answered by
1
Answer:
बात करने की कला ऐसी होनी चाहिए जिससे सुनने वाला मोहित हो जाए। प्यार से बात करने से अपने मन को शांति तो मिलती ही है साथ में दूसरों को भी सुख का अनुभव होता है। आज के जमाने में भी कम्युनिकेशन का बहुत महत्व है। किसी भी क्षेत्र में तरक्की करने के लिए वाक्पटुता की अहम भूमिका होती है।
Answered by
0
Explanation:
aasi boli boliye ki man ka aahekar ko Jaye aapna tan ko tandak pahuchaye auru ko bhi shukha ho
Similar questions
Science,
6 months ago
Science,
6 months ago
Physics,
1 year ago
Social Sciences,
1 year ago
Chemistry,
1 year ago
Business Studies,
1 year ago