Hindi, asked by hghhbjhhvv, 7 months ago

क) अलाउद्दीन ने चित्तौड़ का घेरा क्यों डाला?​

Answers

Answered by AadishreePradhan
0

Answer:

अलाउद्दीन खिलजी की साम्राज्यवादी महत्त्वाकांक्षा –

अलाउद्दीन खिलजी एक महत्त्वाकांक्षी और साम्राज्यवादी शासक था। वह सिकन्दर के समान विश्व विजेता बनना चाहता था जिसका प्रमाण उसकी उपाधि ‘सिकन्दर सानी’ (द्वितीय सिकन्दर) थी।

दक्षिण भारत की विजय और उत्तर भारत पर अपने अधिकार को स्थायी बनाये रखने के लिए राजपूत राज्यों को जीतना आवश्यक था। चित्तौड़ पर उसका आक्रमण इसी नीति का हिस्सा था।

मेवाड़ की बढ़ती हुई शक्ति –

जैत्रसिंह, तेजसिंह और समरसिंह जैसे पराक्रमी शासकों के काल में मेवाड़ की सीमाओं में लगातार वृद्धि होती जा रही थी। इल्तुतमिश, नासिरुद्दीन महमूद और बलबन जैसे सुल्तानों ने मेवाड़ की इस बढ़ती शक्ति पर लगाम लगाने का प्रयास किया किन्तु वे सफल नहीं हुए।

1299 ईमें मेवाड़ के रावल समरसिंह ने गुजरात अभियान के लिए जाती हुई शाही सेना का सहयोग करना तो दूर, उल्टे उससे दण्ड वसूल करके ही आगे जाने दिया। अलाउद्दीन खिलजी उस घटना को भूल नहीं पाया था।

चित्तौड़ की भौगोलिक एवं सामरिक महत्त्व –

दिल्ली से मालवा, गुजरात तथा दक्षिण भारत जाने वाला प्रमुख मार्ग चित्तौड़ के पास से ही गुजरता था। इस कारण अलाउद्दीन खिलजी के लिए मालवा, गुजरात और दक्षिण भारत पर राजनीतिक एवं व्यापारिक प्रभुत्व बनाए रखने के लिए चित्तौड़ पर अधिकार करना आवश्यक था।

मौर्य राजा चित्रांगद द्वारा निर्मित चित्तौड़ का दुर्ग अभी तक किसी भी मुस्लिम आक्रमणकारी द्वारा जीता नहीं जा सका था। यह भी अलाउद्दीन खिलजी के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती थी।

पद्मिनी को प्राप्त करने की लालसा –

कुछ इतिहासकारों के अनुसार अलाउद्दीन खिलजी मेवाड़ के शासक रत्नसिंह की सुन्दर पत्नी पद्मिनी को प्राप्त करना चाहता था। उसने रत्नसिंह को संदेश भिजवाया कि वह सर्वनाश से बचना चाहता है तो अपनी पत्नी पद्मिनी को शाही हरम में भेज दे।

रत्नसिंह द्वारा इस प्रस्ताव को अस्वीकार किए जाने पर अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया।

शेरशाह स के समय 1540 ई. के लगभग लिखी गई मलिक मुहम्मद जायसी की रचना ‘पद्मावत’ के अनुसार इस आक्रमण का कारण पद्मिनी को प्राप्त करना ही था।

MARK IT AS THE BRAINLIEST

Similar questions