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जापान, अमेरिका, रूस तथा जर्मनी आदि समृद्धशाली कैसे बने हैं? निश्चय
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
संसार के विकसित देश जैसे
ही , कठोर परिश्रम द्वारा। जिस राष्ट्र के लोग दृढ़ संकल्प तथा परिश्रमपूर्वक कर्म में लीन हैं, उनकी उन्नति तथा
प्रगति अवश्यभावी से जी चुराता है वह सदा दीन-हीन ही बाना रहता है। संसार में जितने भी महापुरुष हुए हैं, उनकी
महानता के पीछे कठिन परिश्रम ही रहा है। चाहे न्यूटन और रमन जैसे वैज्ञानिक हों या शेक्सपियर और टैगोर जैसे
कवि रॉकफेलर और बिरला जैसे व्यापारी हों या लिंकन और गाधी जैसे जन-नेता , सभी ने अपने अपने क्षेत्र में कठोर
संघर्ष तथा अथक परिश्रम किया है।
क) किसी भी राष्ट्र के विकसित होने का मूल रहस्य क्या है?
ख) जो परिश्रम से जी चुराता है, वह सदा दीन हीन बना रहता
है - से क्या तात्पर्य है?
ग)' दीन हीन ' में कौन सा समास है?
घ) प्रस्तुत गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए ।
ड.) गद्यांश में किन दो वैज्ञानिक का जिक्र किया गया है?
च) वर्ण-विच्छेद करें:- परिश्रमी
छ) गद्यांश में से चुनकर एक व्यक्तिवाचक संज्ञा का नाम लिखिए।
ज) विलोम शब्द लिखिए - कठोर
झ) पर्यायवाची शब्द लिखिए- संसार
ञ) गद्यांश में से द्वित्व व्यंजन वाले एक शब्द चुनकर लिखिए।
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not sure about the answer......
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- क) किसी भी राष्ट्र के विकसित होने का मूल रहस्य है कठोर परिश्रम
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