(क) अपने घोंसले से बाहर कौन आई?
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Answer:
सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक (पृष्ठ संख्या 130)
प्रश्न 1.
गिजुभाई बधेका ने यह पत्र कितने साल पहले लिखा था?
उत्तर:
गिजुभाई बधेका ने यह पत्र लगभग 75 साल पहले लिखा था।
प्रश्न 2.
पता करो, तुम्हारे दादा, दादी, नाना और नानी उस समय कितने साल के थे?
उत्तर:
मेरे दादा जी उस समय 1 वर्ष के थे और दादी का जन्म नहीं हुआ था।
प्रश्न 3.
इस पत्र में जिन पक्षियों के नाम आए हैं, उनमें से कितने पक्षी तुमने देखे हैं?
उत्तर:
इस पत्र में जिन पक्षियों के नाम आये हैं उनमें से मैंने कौवा, गोरैया, कबूतर, कोयल तथा
Answer:
अपने घोंसले से बाहर कौन आई?
बया गोरैया की तरह के पक्षियों की एक प्रजाति है जो गोरैया की तरह मनुष्य के घरों में न रहकर पेड़ की टहनियों में लटकता हुआ सुन्दर घोंसला बनाकर रहती है। यह समूह में रहना पसन्द करती है क्योंकि इसकी वजह से इसके बच्चों को परभक्षियों से सुरक्षा प्रदान होती है। यह अपने घोंसले बस्ती के रूप में बनाती हैं और प्रजनन काल में एक ही वृक्ष में या आस-पास के वृक्षों में कई घोंसले एक साथ देखने को मिलते हैं। इस व्यवहार का सम्बन्ध 'संख्या में सुरक्षा' से है।[2][3]