(क) अवध के नवाब कौन थे?
(ख) बचपन में बेगम का क्या नाम था?
ग) विद्रोही फ़ौज ने किस गाँव के पास अंग्रेजों को शिकस्त दी?
घ) बेगम हजरत महल ने अंग्रेजों की पेंशन क्यों ठुकरा दी? ?
किसकी सलाह मानकर बेगम हज़रत महल ने नेपाल में शरण ली?
(च) भारत सरकार ने बेगम हजरत महल के सम्मान में डाक टिकट कब जारी किया?
Answers
Explanation:
1) अवध के नवाब, इरान के निशापुर के कारागोयुन्लु वंश के थे। नवाब सआदत खान प्रथम नवाब थे।
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3) मेरठ की पृष्ठभूमि में अंग्रेजों के जुल्म की दास्तान छुपी हुई है। मेरठ गजेटियर के वर्णन के अनुसार 4 जुलाई, 1857 को प्रातः 4 बजे पांचली पर एक अंग्रेज रिसाले ने 56 घुड़सवार, 38 पैदल सिपाही और 10 तोपों से हमला किया। पूरे ग्राम को तोप से उड़ा दिया गया।
4)बेगम हज़रत महल (नस्तालीक़: بیگم حضرت محل, 1820 - 7 अप्रैल 1879), जो अवध (अउध) की बेगम के नाम से भी प्रसिद्ध थीं, अवध के नवाब वाजिद अली शाह की दूसरी पत्नी थीं। अंग्रेज़ों द्वारा कलकत्ते में अपने शौहर के निर्वासन के बाद उन्होंने लखनऊ पर क़ब्ज़ा कर लिया और अपनी अवध रियासत की हकूमत को बरक़रार रखा। अंग्रेज़ों के क़ब्ज़े से अपनी रियासत बचाने के लिए उन्होंने अपने बेटे नवाबज़ादे बिरजिस क़द्र को अवध के वली (शासक) नियुक्त करने की कोशिश की थी; मगर उनका शासन जल्द ही ख़त्म होने की वजह से उनकी ये कोशिश असफल रह गई। उन्होंने 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के ख़िलाफ़ विद्रोह किया। अंततः उन्होंने नेपाल में शरण मिली जहाँ उनकी मृत्यु 1879 में हुई थी।[1]
Answer:
आज तोह लग रहा है कि यह भाई paper करके मानेगा