क) अयोध्या के राजा दशरथ के चार पुत्र
थे। (अयोध्या के राजा दशरथ - इस
पदबंध का भेद बताइए।)
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अयोध्या के राजा दशरथ के चार पुत्र थे। (अयोध्या के राजा दशरथ - इस पदबंध का भेद बताइए।)
अयोध्या के राजा दशरथ के चार पुत्र थे।
पदबंध भेद : संज्ञा पदबंध
व्याख्या :
अयोध्या के राजा दशरथ के चार पुत्र थे। इस वाक्य में ‘अयोध्या के राजा दशरथ’ ये पदबंध एक संज्ञा पदबंध होगा।
(अयोध्या के राजा दशरथ ) के चार पुत्र थे। इस पदबंध ‘अयोध्या के राजा दशरथ’ में शीर्ष संज्ञा ‘दशरथ’ है, और शेष पद उस पर आश्रित हैं, इसलिये ये एक संज्ञा पद की तरह कार्य करता है।
जब दो या दो से अधिक पद एक निश्चित क्रम में आकर आपस में मिलकर किसी निश्चित अर्थ को प्रकट करते हों तो वे पदबंध कहलाते हैं।
संज्ञा पदबंध वह पदबंध होता है, जो किसी वाक्य में संज्ञा का कार्य करे, अर्थात पूरा पदसमूह एक संज्ञा पद की तरह कार्य करता है। संज्ञा पदबंध में संज्ञा शब्द का होना आवश्यक होता है, तभी वह संज्ञा पदबंध कहलाता है।
इस वाक्य में कोष्ठक में दिया पद समूह ‘संज्ञा पदबंध’ है।
संज्ञा पदबंध किसी वाक्य में संज्ञा की तरह कार्य करता है, और संज्ञा पदबंध पदों के समूह में जो सबसे शीर्ष और मुख्य पद होता है, वो एक संज्ञा होता है और शेष पद उस पर आश्रित पद होते हैं।