काबुलीवाला अपने देश छोड़कर दूसरे देश क्यों आया था?
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Answer:वे बताते हैं कि उनकी 5 वर्ष की छोटी लड़की जिसका नाम मिनी है, जो इनसे बात किए बिना एक पल भी नहीं रह सकती हैं। रविंद्र नाथ टैगोर जी आगे बताते हैं कि मिनी ने अपने जन्म के बाद भाषा को सीखने में केवल एक ही वर्ष का समय लगाया होगा, उसके बाद से वह उतनी देर ही शांत रहती है, जितनी देर वह सोती है।
मेरा घर सड़क के किनारे ही स्थित है। एक दिन मिनी मेरे कमरे में खेल रही थी कि अचानक से कमरे के खिड़की की ओर भागी और एक लंबे-चौड़े से व्यक्ति को, जिसने बहुत ही गंदा, मैला-कुचैला और ढीला कपड़ा पहने हुए अपने सर पर कुल्ला रखकर उस पर साफा बांधकर, अपने कंधे पर एक गंदी सी थैली लटकाए हुए, जिसमें उसने सूखे फल एवं मेंवों को रखकर सड़क से जा रहा था, को देख कर चिल्लाने लगी,” काबुलीवाला, ओ काबुलीवाला”। मिनी के चिल्लाने पर जैसे ही काबुलीवाले ने हंसते हुए मिनी की तरफ देखा और घर की ओर आने लगा, तैसे ही मिनी डर के मारे घर के अंदर भाग गई और घर के अंदर जाकर कहीं छुप गई।
शायद उसके कोमल मन में यह डर था कि, कहीं वह काबुलीवाला अपनी मैली-कुचैली थैली के अंदर उसको छुपा कर उसको उसके परिवार से कहीं अलग ना ले कर चला जाये। वहीं दूसरी तरफ काबुलीवाला मुस्कुराते हुए, मेरे पास आकर मुझसे हाथ जोड़कर अभिवादन किया, और वहीं मेरे पास खड़ा हो गया। अब मेरे मन में यह संकट पैदा हो गया कि काबुलीवाले को घर पर बुलाकर और इससे कोई भी सामान खरीदना ठीक नहीं होगा।
इसके बाद मैं काबुलीवाले से इधर- उधर की बात जैसे कि रहमत, सीमांत रक्षा, अंग्रेज आदि के बारे में गपशप करने लगा। अंत में जब काबुलीवाला यहाँ से जाने लगा तो उसने मिनी के बारे में पूछते हुए मुझसे कहा कि- “बाबूजी, आपकी बच्ची कहां गई?” उसके यह पूछने के बाद मैंने मिनी के मन से बेकार के डर को दूर करने के उद्देश्य से उसको घर के अंदर से बाहर बुलवा लिया।
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