Hindi, asked by kalavathimundel, 1 year ago

काबा पिरिकासी भया, रामहि भया रहीम।
मोट चून मैदा भया, बेटिकवीरा जीम।।
please answer in short and easy to understand plz​

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Answered by Anonymous
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Answer:

कबीरदास कहते हैं कि हे मानव! सम्प्रदाय के आग्रहों को छोड़कर मध्यम मार्ग को अपनाने पर काबा काशी हो जाता है और राम रहीम बन जाते हैं। सम्प्रदायों की रूढ़ियाँ समाप्त हो जाती हैं। भेदों का मोटा आटा अभेद का मैदा बन जाता है। हे कबीर! तू इस अभेद रूपी मैदे का भोजन कर, स्थूल भेदों के द्वन्द्व में न पड़।

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